Saturday, July 27, 2024
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Avinash Tiwari: अविनाश तिवारी ने अपने किरदारों को लेकर किया बड़ा खुलासा, ‘मडगांव एक्सप्रेस’ को लेकर भी कही बड़ी बात

Avinash Tiwari: फिल्म इंडस्ट्री एक्टर अविनाश तिवारी आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। एक्टर इन दिनों अपनी फिल्म ‘मडगांव एक्सप्रेस’ को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। इस फिल्म से पहले अविनाश ‘बुलबुल’ और ‘काला’ जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग का जलवा दिखा चुके हैं। हाल ही में एक बातचीत के दौरान एक्टर ने अपने प्रोजेक्ट्स के बारे में बताया।  उन्होंने कहा कि कॉमेडी मुश्किल है, लेकिन मुझे अलग करना पसंद है। साथ ही हर जॉनर की फिल्में अपने आप में मुश्किल होता है।

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अपनी फिल्मों को लेकर की बात

आपको बता दें कि हाल ही में एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान अपनी फिल्मों के बारे में बात करते हुए अविनाश ने कहा, ‘मेरी सभी फिल्में अपने आप में अलग हैं और यही मेरी चाह है। उन्होंने अपनी फिल्म लैला मजनू के बारे में बात करते हुए कहा कि सितंबर 2018 में मेरी फिल्म आई थी, तभी से धीरे-धीरे मुझे लोगों का प्यार मिलने लगा था। लोग मुझे कैश कहर बुलाने लगे थे।’

वेब सीरीज खाकी आने के बाद सोशल मीडिया पर लोग चंदन कहने लगे थे। तो मुझे राहत मिली थी कि एक ही किरदार में मैं नहीं रह गया हूं। आज लोग मुझे कभी कैश, कभी चंदन तो कभी दारा नाम से बुलाते है, तो खुशी मिलती है, कि लोग मुझे मेरे कई किरदारों से पहचान रहे हैं। मडगांव एक्सप्रेस के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि जब हम कॉमेडी कर रहे होते हैं तो हमें आखिरी तक नहीं पता होता कि ये सही बैठेगा या नहीं।

हम लोग जब शूट कर रहे थे, तब हम यही बात कर रहे होते थे। क्योंकि ये सब डायरेक्टर को समझ आता है। मुझे मडगांव एक्सप्रेस बहुत पसंद आई और इसका पूरा क्रेडिट कुणाल खेमू को ही जाता है। सभी ने काफी मेहनत की है, लेकिन मडगांव एक्सप्रेस जिस खूबसूरती के साथ पहुंची है, उसके लिए कुणाल ही जिम्मेदार हैं।

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पुराने दिनों को याद करते नजर आए अविनाश

गौरतलब है कि 90s के दिनों को याद करते हुए अविनाश तिवारी ने कहा, ‘नवमीं में मुझे एक लड़की पसंद थी, वो भी स्कूल में थी। शनिवार और रनिवार हमारी छुट्टी होती थी। तो वहां एक हनुमान मंदिर है, उसके ऊपर ही उसका घर था और मेरा दोस्त हनुमान भगवान का भक्त था। मैं भी उन दिनों भक्त बन गया था।

तो मुझे हनुमान चालीसा जो आती है, वो इसीलिए आती है कि मैं उनके घर के चक्कर लगाने जाता था। मंदिर के सामने ही एक पीसीओ था, मैं उससे मिस्ड कॉल करता था, जिसके बाद वह अपनी बालकनी में आती थीं और फिर मैं उन्हें देखते हुए बड़े स्टाइल में बाय करते हुए निकल जाता था।’

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