Saturday, July 27, 2024
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राजस्थान सरकार की बॉन्ड नीति का विरोध, जयपुर में रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल

राजस्थान सरकार की बॉन्ड नीति के खिलाफ राजस्थान के रेजिडेंट डॉक्टर लामबंद होना शुरू हो गए है। सोमवार यानी 10 अक्टूबर से डॉक्टरों ने पूरी तरह से हड़ताल पर जाने के लिए सरकार को चेतावनी दे दी है।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर हैं। इस बहिष्कार से डॉक्टर्स ने आइसीयू और इमरजेंसी सेवाओं को बाहर रखा है। रेजिडेंट डॉक्टर्स के मुताबिक, कोशिश कर रहे हैं कि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को परेशानी न हो। लेकिन सरकार हमारी नहीं सुन रही है। वह भी ऐसे में जब जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट (JARD) का प्रतिनिधिमंडल खुद सरकार के दरवाजे अपनी बात कहने के लिए दरवाजा खटखटा रहा है।

वहीं, अब उद्यपुर रेजिडेंट डाक्टर एसोसिएशन, जयपुर रेजिडेंट ड़ॉक्टर एसोसिएसन औऱ केरला रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने देश के और सभी ड़ॉक्टरों से राजस्थान सरकार के बॉन्ड नीति का विरोध करने का आग्रह किया है। इस आग्रह को दिल्ली के डॉक्टरों ने भी समर्थन दिया है। जिसके बाद अब इस हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांग पर जल्द गंभीरता से फैसला नहीं लिया तो यह हड़ताल लंबी चलेगी।

जार्ड की मांग है कि नीति लागू करने से पहले राज्य सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करे.

नीति की विसंगतियों को दूर करने और रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाए.

जॉर्ड ने कहा कि नीति तय करने की कमेटी में रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधि शामिल किए जाएं.

जयपुर के सभी रेजिडेंट डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं राजस्थान के सभी मेडिकल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने दो दिन से काली पट्टी बांधकर विरोध जताना शुरू कर दिया था। रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार जल्द फैसला नहीं लेती है तो प्रदेश के सभी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर जाएंगे।

 

आइसीयू और इमरजेंसी सेवाओं में कार्य बहिष्कार नहीं

गुरुवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज से संबंधित सभी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर संपूर्ण कार्य बहिष्कार पर रहे।  इस बहिष्कार से डॉक्टर्स ने आइसीयू और इमरजेंसी सेवाओं को बाहर रखा है। रेजिडेंट डॉक्टर्स के मुताबिक, कोशिश कर रहे हैं कि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को परेशानी न हो। लेकिन सरकार हमारी नहीं सुन रही है। वह भी ऐसे में जब जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट (JARD) का प्रतिनिधिमंडल खुद सरकार के दरवाजे अपनी बात कहने के लिए दरवाजा खटखटा रहा है।

ये हैं मांग जार्ड की मांगें

रेजिडेंट डॉक्टर राज्य सरकार की बॉन्ड नीति का विरोध कर रहे है। इस नीति में डॉक्टर्स की सर्विस व पीजी व सुपरस्पेशिलिटी कोर्स और सरकारी सेवा से जुड़ी कई अन्य तरह की समस्याएं हैं। जार्ड की मांग है कि नीति लागू करने से पहले सरकार उनकी बात सुने। उनकी समस्याओं का समाधान करे। नीति की विसंगतियों को दूर करने और रूपरेखा तैयार करने के लिए एक कमेटी गठित की जाए। जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर्स के प्रतिनिधि शामिल किए जाएं।

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