Trump Zelensky clash: ट्रंप और जेलेंस्की की बैठक के बाद कई देशों के नेताओं ने और खासकर यूरोप के नेताओं ने यूक्रेन का समर्थन किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन का समर्थन कर रूस की निंदा की है। वहीं, स्पेन, स्वीडन, इटली जैसे यूरोपियाई देशों ने यूक्रेन का जोरदार समर्थन दिया है। मालूम हो कि माना जा रहा था कि ये समझौता रूस-यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम का रास्ता खोल सकता था। लेकिन विवाद के साथ खत्म हुई इस बातचीत ने ये उम्मीद फिलहाल खत्म कर दी है।
कनाडा और फ्रांस ने यूक्रेन का दिया साथ
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, “तीन साल से यूक्रेन साहस और जवाबी कार्रवाई के साथ मुकाबला कर रहा है। उनकी लड़ाई लोकतंत्र, आज़ादी और संप्रभुता के लिए है, यह एक ऐसी लड़ाई है जो सबके लिए मायने रखती है।” वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा, “रूम हमलावर है और यूक्रेन पीड़ित है। मुझे लगता है कि हम सब तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करने और रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए सही थे, हमें अब भी ऐसा करना जारी रखना चाहिए। हमें यूक्रेनियों का सम्मान करना चाहिए, जो अपनी स्वतंत्रता और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।”
नॉर्व, स्पेन, स्वीडन के प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर ने कहा, “आज हमने व्हाइट हाउस से जो देखा वो निराशाजनक है। यूक्रेन को अभी भी अमेरिका के समर्थन की जरूरत है। नॉर्वे स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के लिए यूक्रेन के साथ खड़ा है। हमें उम्मीद है ट्रंप प्रशासन भी यूक्रेन में न्यायसंगत और स्थायी शांति के महत्व को समझेगा।” स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने लिखा, ”यूक्रेन, स्पेन आपके साथ खड़ा है।’
वहीं, स्वीडन के प्रधान मंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने भी यूक्रेन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “स्वीडन यूक्रेन के साथ खड़ा है। आप न केवल सिर्फ अपने लिए बल्कि पूरे यूरोप की आज़ादी के लिए लड़ रहे हैं।”
पोलैंड और इटली ने भी जेलेंस्की का दिया समर्थन
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा, “जेलेंस्की और यूक्रेनी अकेले नहीं है। पोलैंड के लोग उनके साथ खड़े हैं।” स्पेन के पीएम ने एक्स पर लिखा, “यूक्रेन, स्पेन आपके साथ है।”
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने अमेरिका, यूरोपीय राज्यों और सहयोगियों के बीच तत्काल शिखर सम्मेलन का आह्वान किया है। उन्होंने ये आह्वान इसलिए किया है ताकि खुलकर बात की जा सके की हम आज की बड़ी चुनौतियों से कैसे निपटने का इरादा रखते हैं।