Mayawati : उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों से कल एक बड़ी खबर सामने आई जिसकी चर्चा जोरों पर है. दरअसल, बहुजन समाजवादी पार्टी की मुखिया और पूर्व सीएम मायावती ने बड़ा निर्णय लेते हुए अपने उत्तराधिकारी के तौर पर देखे जाने वाले आकाश आनंद को पार्टी से बाहर निकाल दिया. आकाश आनंद मायावती के भतीजे हैं और उन पर की गई कार्रवाई चर्चा में है. मायावती ने पहले आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल कॉर्डिनेटर और फिर पार्टी से ही निष्काषित कर दिया. मायावती के इस सख्त निर्णय ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा है. राजनीति के जानकार इसे बीएसपी के भीतर बदलते समीकरणों और पार्टी की रणनीति में हुए बदलाव को दर्शाता है.
साथ ही चर्चा इस बात की भी है कि आखिर ये निर्णय क्यों लिया गया और मायावती अपने ही भतीजे पर इस कदर कार्रवाई करने पर क्यों मजबूर हो गई ? मायावती ने आकाश आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक नियुक्त किया। यह निर्णय बीएसपी में युवा नेतृत्व को आगे बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना गया। इसके बाद 2023 में उन्होंने राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में पार्टी के लिए चुनाव प्रचार किया। इसी दौरान 10 दिसंबर 2023 को मायावती ने उन्हें पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित कर सभी को चौंका दिया.
क्यों पार्टी से बाहर किए गए आकाश आनंद ?
मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश आनंद ने अपनी परिपक्वता नहीं दिखाई और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में बने रहे। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया दी, जिससे यह साफ हो गया कि वह पार्टी लाइन का पालन नहीं कर रहे थे। मायावती के अनुसार, आकाश के बयान में पछतावे और राजनीतिक समझदारी की जगह उनके ससुर का स्वार्थी और अहंकारी प्रभाव दिखा.
इससे पहले, मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित करते हुए कहा था कि वह पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हो गए थे। आकाश आनंद भी इसी कारण से पार्टी से बाहर कर दिए गए। साथ ही कहा जा रहा है कि आकाश आनंद का एक गुट तैयार हो गया था जो मायावती के करीबी नेताओं की उपेक्षा कर रहा था .
साथ ही कुछ राजीतिक जानकार ये भी कारण बता रहे है कि जिस प्रकार आकाश आनंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार निशाना साध रहे थे मावायवती ने उसे सही नहीं माना. ऐसे में मायावती ने आकाश आनंद को ही दरकिनार करने का कड़ा फैसला लिया. अब बीएसपी में हुए इस बड़े बदलाव से पार्टी की रणनीति और भविष्य की दिशा पर असर पड़ सकता है.
मायावती ने अब आकाश आनंद की जगह अपने भाई आनंद कुमार को जिम्मेदारी दी है. साथ ही मायावती ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका कोई राजनीतिक वारिस नहीं होगा. बसपा से सामने आई इन खबरों ने चर्चाओं को शुरू किया है. आकाश आनंद और बसपा को लेकर अब आगे आने वाले दिनों में किस तरह की खबरें सामने आती है वो अब देखने वाली बात होगी.
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