सुचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निजी टेलीविजन चैनलों को गलत रिपोर्टिंग के लिए फटकार लगाई है। दरअसल, मंत्रालय ने अपने जारी परामर्श में निजी सैटेलाइट चैनलों को नसीहत देते हुए कहा है कि सभी अपनी रिपोर्टिंग ठीक करें। पंत की कार दुर्घटना, शवों की व्यथित करने वाली तस्वीरों के प्रसारण और पांच साल के बच्चे की पिटाई के कवरेज का हवाला देते हुए मंत्रालय ने ये बात कही। साथ ही कानून और संहिता का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए।
‘अप्रिय’ और ‘दिल दहला देने वाला’ कवरेज को लेकर परेशानी
दरअसल, केंद्र सरकार ने सोमवार को क्रिकेटर ऋषभ पंत की सड़क दुर्घटना और कुछ अन्य अपराध की खबरों को लेकर बोला कि ऐसी ‘अप्रिय’ और ‘दिल दहला देने वाला’ कवरेज, टेलीविजन चैनल संबंधित कानून के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता का सख्ती से पालन करते हुए ही करें। सरकार ने कहा- टेलीविजन चैनलों ने व्यक्तियों के शवों और आसपास खून के छींटे, घायल व्यक्तियों के चित्र/वीडियो दिखाए हैं। इसके अलावा महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित लोगों को बेरहमी से पीटे जाने के शॉट्स करीब से दिखाए हैं।
कई टेलीविजन चैनलों ने किया नियमों का उल्लंघन
सरकार ने जारी परामर्श में आगे कहा- एक बच्चे को शिक्षक द्वारा बेरहमी से पीटने का और उसके लगातार रोने और चीखने के शॉट्स को लंबे समय तक दिखाया गया, जो कि गलत और भयावह है। इस दौरान शॉट्स को न ही धुंधला किया गया और न ही किसी प्रकार की सावधानी बरती गई। ये भी कहा गया है कि प्रसारकों ने सोशल मीडिया से वीडियो क्लिप और तस्वीरें ली हैं। साथ ही इन क्लिप्स को प्रोग्राम कोड का पालन करते हुए नहीं दिखाया गया।
बता दें कि ऋषभ पंत कार दुर्घटना में बुरी तरह से घायल हो गए थे। उन्हें कई जगह चोटें आईं जिसके बाद पुरे सोशल मीडिया और कुछ टेलीविजन चैनलों पर उनकी अप्रिय तस्वीरें दिखाई गई। हालांकि, कई लोगों ने ये निवेदन भी किया था कि उनकी ऐसी तस्वीरें शेयर न करें। सरकार ने भी इसकी जांच की जिसके बाद ये हिदायत सामने आई है।