Saturday, July 27, 2024
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Social Media : इसका ज्यादा प्रयोग करना नुकसानदायक

Social Media : आज के नए मॉडर्न ज़माने में सोशल मीडिया एक ट्रेंड बन चुका है। आज के समय में बच्चे से लेकर बूढ़े तक हर कोई सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता ही है। सोशल मीडिया ने कई काम आसान कर दिए है।लेकिन हर सिक्के के दो पहलु होते है। मॉडर्न तकनीक अच्छे प्रभाव के साथ साथ बुरे प्रभाव भी लाती है। इसकी चपेट में बच्चे बहुत आसानी से आ जाते है। इस विचार से सोशल मीडिया बच्चो पर हानिकारक प्रभाव डाल सकती है। सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल उनके व्यवहार, मानसिक स्थिति, और सामाजिक जीवन को प्रभावित करता है।

 

 

Top Social Media Statistics And Trends Of 2024 – Forbes Advisor

टीनएजर्स या कहे किशोरावस्था में अक्सर सोशल मीडिया का प्रभाव अधिक होता है। इस तरह बच्चो की सेल्फ ऐस्टीम पर गहरा असर पड़ सकता है। इसी के साथ उनमे गहरा मानसिक तनाव घर कर सकता है। भारी प्रतियोगिता के कारण कुछ बच्चे अपने आप को कमज़ोर महसूस कर सकते है और ये कमज़ोरी का एहसास पहला कदम है। आत्मविश्वास कम होने का और खुद को किसी से कम समझने का। साइबर बुलीइंग के मामले आजकल हद से ज़्यादा सुनने में आते है। इस अपराध को अंजाम देने वाले शिकारी, बच्चो की ही तलाश में रहते है। अब तो बात इस हद तक बढ़ गयी है की बच्चो की तस्वीरें सोशल मीडिया से उठाकर पोर्नोग्राफी में तक इस्तेमाल हो रही है।

 

Getting fewer 'likes' on social media can make teens anxious and depressed

 

सोशल मीडिया के क्षेत्र में गोपनीयता भी एक चिंता का विषय है। बच्चो को दिखाए गए व्यव्हार , फैशन ट्रेंड्स , शानदार लाइफस्टाइल , महंगी गाड़ियां उनके दिमाग पर गहरा असर डाल सकती है। इससे उनके खर्चो में भी बढ़ोतरी आ सकती है। कई मामलो में तो ये तक देखा गया है की बच्चा घर में चोरी तक कर लेता है। सोशल मीडिया के ऐसे घातक प्रभाव से बचने के लिए बच्चो को शिक्षा प्रदान करनी बेहद ज़रूरी है। इसमें माँ बाप का फ़र्ज़ बनता है की वे अपने बच्चे के साथ दोस्त बन कर रहे और उनकी बातें सुने। माँ बाप और बच्चो के बीच संवादहीनता बिलकुल नहीं होनी चाहिए। परिवारवालों को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए की बच्चा सोशल मीडिया पर किस तरह की गतिविधियां करता है।

 

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बच्चो को धार्मिक मूल्यों और संस्कारो में धार्मिक ज्ञान देना भी महत्व पूर्ण है।सोशल शक्तिशाली सहायक है लेकिन बच्चो पर गलत प्रभाव न पड़े इसके लिए सहायक व्यव्हार की मूल्य आवश्यकता है। इसी के साथ  विद्यालो में भी सोशल मीडिया के तहत शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। इसके घातक प्रभावों के बारे में विद्यार्थियों को परिचित करना महत्वपूर्ण है। इसी के साथ डाटा संगरक्षण जैसे मूल्य ज्ञान को भी पढ़ाना चाहिए।सोशल मीडिया हमारे देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन हर नागरिक की यह ज़िम्मेदारी बनती है की इसका गलत इस्तेमाल होने से रोके और हमारे बच्चो को सुरक्षित रखे।

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