Dhananjay Munde Resigned: महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा उनके पीए प्रशांत जोशी लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के आवास पहुंचे थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने बताया कि उन्होंने धनंजय मुंडे का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और अगली कार्यवाही के लिए इसे राज्यपाल को भेज दिया गया है।
धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में आरोपी बनाए जाने के चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंडे को इस्तीफा देने के लिए कहा था। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार रात को मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात की और देशमुख हत्या मामले में अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र तथा दो अन्य संबंधित मामलों पर चर्चा की। इन मामलों में वाल्मिक कराड को आरोपी नंबर एक बनाया गया है। एक सूत्र के अनुसार, फडणवीस ने धनंजय मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्देश दिया था।
धनंजय मुंडे बीड जिले के परली से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक हैं। वे पहले बीड जिले के संरक्षक मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में एनसीपी प्रमुख अजित पवार पुणे के साथ-साथ बीड जिले के भी संरक्षक मंत्री हैं। बीड के मासाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख को 9 दिसंबर 2023 को कथित रूप से एक ऊर्जा कंपनी से जबरन वसूली रोकने की कोशिश करने के चलते अगवा कर लिया गया और प्रताड़ित किया गया था, जिसके बाद उनकी हत्या कर दी गई।
सीआईडी ने इस मामले में 27 फरवरी को बीड जिले की एक अदालत में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र में सरपंच की हत्या, अवाडा कंपनी से धन ऐंठने की कोशिश और कंपनी के सुरक्षा गार्ड पर हमले के तीन अलग-अलग मामलों का विवरण शामिल है। ये तीनों मामले बीड के केज थाने में दर्ज किए गए हैं।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कठोर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया है। अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और उन पर मकोका के तहत मामला दर्ज किया गया है। एक आरोपी अभी भी फरार बताया जा रहा है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं और मामले की विस्तृत जांच जारी है।
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इस घटनाक्रम ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है और धनंजय मुंडे का इस्तीफा विपक्षी दलों के लिए एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम से एनसीपी और सरकार की छवि प्रभावित हो सकती है। अब देखना होगा कि आगे की जांच में और कौन-कौन से नए खुलासे होते हैं और इस मामले का महाराष्ट्र की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।