Delhi Assembly Session: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने मंगलवार को विधानसभा में आबकारी नीति 2024 पर नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि 2017-18 के बाद से किसी भी कैग रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने और अन्य पांच विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति और विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध किया था कि रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने जानबूझकर इस रिपोर्ट को दबाए रखा और इसे उपराज्यपाल (एलजी) के पास भी नहीं भेजा।
कैग रिपोर्ट पर विपक्ष और सरकार आमने-सामने
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लंबे समय से आरोप लगाती रही है कि आप सरकार ने कैग रिपोर्ट को रोककर रखा था। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पिछले गुरुवार को घोषणा की थी कि उनकी नई सरकार के पहले सत्र में सभी लंबित रिपोर्टों को सार्वजनिक किया जाएगा। कैग की इन रिपोर्टों में राज्य के वित्त, सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे, वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण, शराब विनियमन और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के कामकाज की समीक्षा शामिल है।
बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने इन रिपोर्टों को जानबूझकर दबाकर रखा ताकि उसकी नीतियों और कामकाज की खामियां जनता के सामने न आएं। वहीं, आप सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी सरकार केंद्र में रहते हुए विपक्ष-शासित राज्यों की रिपोर्टों को अनावश्यक रूप से राजनीतिक मुद्दा बनाती है।
आप विधायकों का विधानसभा में हंगामा
कैग रिपोर्ट पेश किए जाने के दौरान दिल्ली विधानसभा में भारी हंगामा देखने को मिला। आम आदमी पार्टी के विधायकों ने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरों को सरकारी दफ्तरों से हटाने के मुद्दे पर जोरदार विरोध किया। आप विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष से इस मुद्दे पर जवाब मांगा, जिसके बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई।
इस हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने आप की प्रमुख नेता आतिशी सहित सभी आप विधायकों को पूरे दिन के लिए निलंबित कर दिया। निलंबन के बाद सभी आप विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे।
बाबासाहेब अंबेडकर की तस्वीर हटाने पर विवाद
निलंबित किए जाने के बाद आप विधायक संजीव झा ने कहा, “कल मुख्यमंत्री कार्यालय में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की तस्वीर हटाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगा दी गई। जब हमने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि क्या पीएम मोदी, डॉ. अंबेडकर से बड़े हैं, तो हमें निलंबित कर दिया गया।”
इस विवाद ने दिल्ली की राजनीति को और गर्मा दिया है। आम आदमी पार्टी के नेता इसे दलित विरोधी कदम बता रहे हैं, जबकि बीजेपी ने इसे मात्र प्रशासनिक निर्णय बताया है। बीजेपी के नेताओं का कहना है कि सरकारी दफ्तरों में प्रधानमंत्री की तस्वीर लगाना कोई असामान्य बात नहीं है और इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है।
कैग रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
कैग रिपोर्ट में दिल्ली सरकार की नीतियों की समीक्षा की गई है, जिसमें विशेष रूप से निम्नलिखित मुद्दों को उजागर किया गया है:
- आबकारी नीति 2024 – रिपोर्ट में शराब नीति के तहत हुए आर्थिक लेन-देन की जांच की गई है और इसमें कुछ अनियमितताओं की संभावना जताई गई है।
- स्वास्थ्य ढांचा – दिल्ली के सरकारी अस्पतालों की हालत और उनके वित्तीय प्रबंधन को लेकर रिपोर्ट में कई सिफारिशें दी गई हैं।
- वायु प्रदूषण – वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण के कारणों और उसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों की समीक्षा की गई है।
- डीटीसी की स्थिति – दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के घाटे और उसके परिचालन संबंधी समस्याओं पर रिपोर्ट में विस्तृत चर्चा की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
कैग रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद दिल्ली में राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि उसकी सरकार पारदर्शिता में विश्वास रखती है और इसी कारण उसने रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। वहीं, बीजेपी ने आप सरकार पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अक्षमता के आरोप लगाए हैं।
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दिल्ली विधानसभा में इस रिपोर्ट पर आगे क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल, आम आदमी पार्टी के विधायकों का निलंबन और उनके द्वारा किए जा रहे धरने ने सरकार और विपक्ष के बीच तनातनी को और बढ़ा दिया है।
कैग रिपोर्ट का पेश किया जाना दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। इस रिपोर्ट के जरिए दिल्ली सरकार के पिछले कुछ वर्षों के कार्यों का मूल्यांकन किया जा रहा है। साथ ही, बाबासाहेब अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर हटाने को लेकर उपजा विवाद इसे और अधिक संवेदनशील बना रहा है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है और दिल्ली की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ता है।