Saturday, February 15, 2025
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DeepSeek AI: क्या है चीनी ऐप DeepSeek AI, ChatGPT और Google Gemini से कितना है अलग

DeepSeek AI vs ChatGPT vs Google Gemini: चाइनीज मेड एआई मॉडल Deepseek इन दिनों काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। दरअसल, DeepSeek चीन का एक नया AI मॉडल है। इसने टेक वर्ल्ड का ध्यान अपनी ओर खींचा है। परफॉर्मेंस में इसने ChatGPT, Gemini और Claude AI को भी पीछे छोड़ दिया है। हालांकि, यह चर्चा में ज्यादा तब आया जब एक दिन में ही अमेरिकी शेयर बाजार के 1 ट्रिलियन डॉलर साफ हो गए। आइए जानते हैं क्या है Deepseek AI तथा यह ChatGPT से कैसे अलग है।

Deepseek R1 क्यों है खास ?

डीपसेक एक चाइनीज ऐप है, जिसे साल 2023 में इंजीनियर और उद्यमी Liang Wenfeng ने बनाया था। इसे आज के वक्त का सबसे बेहतर एआई मॉडल बताया जा रहा है। इसकी टक्कर चैटजीपीटी से मानी जा रही है। यह सभी यूजर्स के लिए फ्री में उपलब्ध है। हालांकि इसे इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को अपना डेटा देना होता है। स्टार्ट-अप कंपनी का यह AI मॉडल अन्य मॉडल के मुकाबले काफी सस्ता है और ऑग्मेंटेड रिजनिंग और एनालिटिकल कैपेबिलिटीज पर बेस्ड है। यह एडवांस लैंग्वेज पर बेस्ड AI मॉडल है, जिसे V3 की तरह ही हाईब्रिड आर्किटेक्चर पर तैयार किया गया है।

DeepSeek R1 की कीमत 0.55 डॉलर (करीब 47 रुपये) प्रति मिलियन इनपुट टोकन और 2.19 डॉलर (करीब 189 रुपये) प्रति मिलियन आउटपुट टोकन है, जो अन्य AI टूल के मुकाबले बेहद कम है। चीनी AI मॉडल इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसे बनाने में महज दो महीने का समय लगा है। वहीं, Google, Microsoft, Meta जैसी कंपनियों को अपना AI मॉडल बनाने में 6 साल से ज्यादा का समय लगा है। इसके लिए कंपनियों ने बड़े पैमाने पर निवेश किया है।

DeepSeek AI: क्या है चीनी ऐप DeepSeek AI, ChatGPT और Google Gemini से कितना है अलग

Deepseek AI कैसे है ChatGPT और Google Gemini से अलग

ChatGPT और Google Gemini जैसे AI टूल LLM यानी लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर काम करते हैं। साथ ही, ये रिजनिंग नहीं बल्कि जेनरेटिव एआई टूल होते हैं। इनमें आपको इंटरनेट पर मौजूद वही जानकारी मिलेगी, जिसके लिए उन्हें ट्रेन किया गया है। ये एआई टूल आपको वैसी कोई जानकारी नहीं देंगे, जिनके लिए इन्हें बैकएंड में ट्रेनिंग दी गई है। डीपसीक का एआई मॉडल यूजर के कमांड और रिजनिंग पर रिप्लाई देता है। ऐसे में आने वाले समय में यह अन्य AI टूल के लिए बड़ी चुनौती पैदा कर सकता है।

हालांकि, DeepSeek का AI मॉडल जेनरेटिव एआई मॉडल जैसे कि ChatGPT, Google Gemini आदि से काफी अलग है। DeepSeek का AI मॉडल न सिर्फ अमेरिकी बल्कि चीनी कंपनियों अलीबाबा और बायडू के लिए भी खतरा है। इन दोनों चीनी कंपनियों ने अपने AI मॉडल को बनाने के लिए अरबों डॉलर खर्च किए हैं।

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DeepSeek की आखिर क्यों हो रही है इतना चर्चा ?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में एआई में 500 अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की थी। ट्रम्प ने शपथ ग्रहण के बाद कहा था कि अमेरिका एआई की दौड़ में सबसे आगे रहेगा। Nvidia कॉर्प के पास सबसे बेहतरीन चिप्स थे और Meta Platforms Inc., OpenAI जैसी कंपनियां AI के क्षेत्र में आगे मानी जाती थीं। लेकिन, चीन की नई AI स्टार्टअप DeepSeek ने इस तस्वीर को बदल दिया। इसने एक दिन में ही अमेरिकी शेयर बाजार के 1 ट्रिलियन डॉलर साफ कर दिए।

DeepSeek AI: क्या है चीनी ऐप DeepSeek AI, ChatGPT और Google Gemini से कितना है अलग

चाइना कर रहा है Deepseek का गलत इस्तेमाल ?

दरअसल चीन अरुणाचल प्रदेश समेत नार्थ-ईस्ट के कई राज्यों पर अपना दावा करते हैं, जो कि हकीकत में भारतीय राज्य हैं। साथ ही कश्मीर पर पाकिस्तान अपना दावा करता है और जैसा सभी को मालूम है कि चीन पाकिस्तान का सहयोगी देश है। ऐसे में चाइनीज मेड DeepSeek कश्मीर और नार्थ ईस्ट राज्यों के बारे में कोई जानकारी नहीं देता है। यह उसके एआई के गलत इस्तेमाल की तरफ इशारा करता है।

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