Saturday, July 27, 2024
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Atiq Ashraf Murder : ‘खुद का नाम’ बनाने की आड़ में की अतीक-अशरफ की हत्या, जानिए लवलेश, सनी और अरुण का आपराधिक इतिहास

Atiq Ashraf Murder : 15 अप्रैल 2023 की रात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों की हत्या पुलिस की मौजूदगी में की गई। हालांकि मौके पर ही पुलिस ने तीनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया था। अतीक और अशरफ को उस समय मारा गया जब पुलिसकर्मी उन्हें जांच के लिए मेडिकल कॉलेज ले जा रही थे। लेकिन क्या आपको पता है कि ये तीनों शूटर कौन है? तो आइए जानते हैं गैंगस्टर अतीक और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या करने वाले तीनों हमलावर के आपराधिक इतिहास के बारे में।

आपको बता दें कि हमीरपुर निवासी मोहित उर्फ ​​सनी (23), कासगंज से अरुण मौर्य उर्फ ​​कालिया (18) और बांदा निवासी लवलेश तिवारी (22) है। इन तीनों (Atiq Ashraf Murder) का आपराधिक इतिहास बहुत पुराना हैं। आरोपी लवलेश पर लगभग 406 मामले दर्ज हैं। जबकि अरुण मौर्य पर हत्या का मुकदमा दर्ज है। वहीं तीसरे आरोपी सनी के सुंदर भाटी गिरोह से संबंध हाने की बात सामने आ रही हैं।

लवलेश तिवारी

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लवलेश तिवारी का एकदम साधारण परिवार है। जो किराए के मकान में रहते है। उसके पिता ड्राइवर का काम करते हैं। जबकि लवलेश के दो भाई पुजारी हैं। इसके अलावा अन्य भाई पढ़ाई कर रहा है। लवलेश के पड़ोसियों का कहना है कि वह अपराध की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था। इसलिए वह लंबे समय से आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा। इसके चलते वह कई बार जेल भी जा चुका है। उस पर ईव-टीजिंग, अवैध तरीके से शराब बेचने सहित बेबेरू पुलिस थानों में महिलाओं के साथ मारपीट व उत्पीड़न करने के आरोप शामिल है। इसके अलावा उस पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत भी आरोप लगाए गए हैं।

मोहित उर्फ ​​सनी

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सनी पर किसी बड़े व ताकतवर गिरोह से संबंध होने का शक है। इसके अलावा वह छह महीने पहले ही जेल से छूटा था। उसने करीब 12 साल पहले ही अपना घर छोड़ दिया था और कुख्यात सुंदर भाटी गिरोह के साथ हाथ मिला लिया था। कहा जा रहा है कि वह इसी गैंग के लिए काम करता था। मोहित के पैतृक स्थान कुरारा के पड़ोसियों के मुताबिक, सनी पिछले एक दशक से अपने घर में नहीं रह रहा था। इससे पहले वह एक आम युवक की तरह रहता था लेकिन एक बार उसका एक झगड़ा हो गया था, जिसके बाद उसकी मानसिकता बदल गई। फिर वह लगभग एक साल तक जेल में रहा। जेल से आने के बाद उसने कुरारा छोड़ दिया था।

इसके अलावा सनी के भाई पिंटू सिंह ने बताया कि, सनी के पास कोई नौकरी नहीं थी और वह पूरे इलाके में बस घूमता रहता था। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पिंटू उनके साथ नहीं रहता था और उन्हें व उनके परिवार में से किसी को नहीं पता था कि सनी ऐसी कोई आपराधिक गतिविधियों में शामिल था। मौजूदा जानकारी के अनुसार, सनी को एक अनुभवी अपराधी बताया जा रहा है, जिस पर डकैती, हत्या और नशीले पदार्थों की तस्करी संबंधिक कुल 14 आपराधिक मामले लंबित हैं।

अरुण मौर्य

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण मौर्य उर्फ कालिया तीन से ज्यादा आपराधिक मामलों में नामजद है, जिसमें एक जीआरपी कांस्टेबल की हत्या का भी आरोप है और वह जेल भी जा चुका है। शूटर अरुण के पड़ोसियों ने बताया कि उसके माता-पिता जीवित नहीं हैं। जबकि उसके दो भाई दिल्ली में कबाड़ का कारोबार करते हैं। इसके अलावा उसके गांव में किसी को भी मौर्य के ठिकाने या उसके कामकाज के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उसने लगभग एक दशक पहले ही गांव छोड़ दिया था। हालांकि यूपी पुलिस अभी भी आरोपी की आपराधिक पृष्ठभूमि की जांच कर रही है।

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तो ये था इन तीनों का क्रिमिनल बैकग्राउंड। आपको बता दें कि फिलहाल पुलिस ने तीनों आरोपी पर हत्या, हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाया है। पुलिस को आरोपी ने बताया कि वह अतीक अहमद के गिरोह का सफाया करना चाहते थे ताकि राज्य में उनका नाम हो सकें। लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई की वजह से वह मौके से भाग नहीं पाए। इसके अलावा एक आरोपी ने इस बात को भी कबूल कर लिया है कि वह माफिया अतीक और अशरफ की हत्या की योजना तब से बना रहे थे जब से उन्हें माफिया अतीक अहमद (Atiq Ashraf Murder) और उसके भाई अशरफ की पुलिस हिरासत का पता चला था।

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