Eating Disorder : खाना खाने का सबका अपना एक तरीका होता है। कोई पुरे दिन थोड़े – थोड़े समय के अंतराल पर खाना खाना पसंद करता है तो कोई सिर्फ एक टाइम खाकर ही गुज़ारा करता है। किसी को डाइटिंग का शौक होता है तो किसी को अपने शरीर से कोई फर्क नहीं पड़ता। इस तरह की ईटिंग हैबिट्स कब ईटिंग डिसऑर्डर में बदल जाती है, एहसास ही नहीं होता। ईटिंग डिसऑर्डर आपकी हमारी समझ से काफी ज़ादा खतरनाक हो सकता है। बहुत से लोगो को इसके बारे में जानकारी ही नहीं होती जिस वजह से ये कब ये किसी को अपना शिकार बना ले पता नहीं होता।
इसे मानसिक ईटिंग डिसऑर्डर के नाम से भी जाना जाता है। ईटिंग डिसऑर्डर एक साइकोलॉजिकल बीमारी है जो ख़राब ईटिंग हैबिट्स के चलते डेवेलोप होता है। इस डिसॉडर का ज़िक्र अमेरिकन साइकियाट्रिक एसोसिएशन डायग्नोस्टिक एंड स्टैटिस्टिकल मैन्युअल ऑफ़ मेन्टल डिसऑर्डर्स , फिफ्थ एडिशन में भी किया गया है। इसके कई प्रकार होते है जैसे एनोरेक्सिया नर्वोसा जिसमे इंसान अपने शरीर के वज़न को कम करने में ही लगा रहता है चाहे वज़न अंडर वेट भी क्यों न हो।
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यह डिसऑर्डर जादातर महिलाओं को जकड़ता है। इसके अलावा एक होता है बिंज ईटिंग डिसऑर्डर जिसमे इंसान कम समय में ही अत्यधिक खाना खाता है । वो अपने आप को खाना खाने से रोक ही नहीं पाता। इस तरह के ईटिंग डिसऑर्डर काफी हानिकारक साबित हो सकते है, अगर समय से इनका इलाज न किया गया तो ।