
अस्पताल में क्यों होते है कई रंग के कूड़ेदान ? जाने वजह
घर की साफ-सफाई हमारे रोज मरा का एक बड़ा हिस्सा है। साफ सफाई घर से बीमारियों को दूर रखती है और हमें बीमार होने से बचाती है। वहीं स्वच्छ भारत मिशन के तहत भारत सरकार भी सफाई अभियान को लेकर तेजी से काम कर रही है। लोगों के घर से निकले वाले कूड़े-कचरे को कूड़ेदान में डालने की सलाह दी जाती है।लोगों के घरों से गीले कचरे को नीले कूड़ेदान में डालने की सलाह दी जाती है तो वही सूखे कचरे को लाल कूड़ेदान में फेंकने के लिए कहा जाता है। ठीक है ऐसे ही अस्पतालों में भी चार रंग की कूड़ेदान देखने को मिलते हैं। जिसका रंग लाल, नीला , काला और हरा होता है। लेकिन ज्यादातर लोगों को इन रंगों का मतलब नहीं पता है इसलिए आज हम आपको इन कूड़ेदान के रंगों के बारे में बताने वाले हैं।
लाल रंग का कूड़ेदान
बता दे कि लाल रंग के कूड़ेदान का इस्तेमाल ब्लड बैग, यूरिन बैग, ट्यूबिन जैसी कई चीजों को फेंकने के लिए किया जाता है। इसके अलावा इस कचरे में पैथोलॉजी और ऑपरेशन थिएटर में इस्तेमाल की जाने वाली चीजों को भी फेंका जाता है।

पीला रंग का कूड़ेदान
इसके अलावा पीले कचड़े का इस्तेमाल ह्यूमन टिशूज, ह्यूमन प्लेज़ेंटा,इंसानी हड्डियों और खून से भीगी हुई एड़ियों के लिए किया जाता है।

काले रंग का कूड़ेदान
इसके साथ ही बायोमेडिकल कचरे को फेंकने के लिए काले रंग का डस्टबिन इस्तेमाल किया जाता है। इनमें बैटरी, बेबी डायपर, सैनिटरी पैड्स ऑल एक्सपायर हो चुकी दवाइयां से की जाती है। इसके अलावा इसमें ब्यूटी प्रोडक्ट और केमिकल युक्त भी फेंके जाते हैं।
dustbin

नीले रंग का कूड़ेदान
नीले रंग के कूड़ेदान का इस्तेमाल सूखे कचरे को फेंकने के लिए किया जाता है। इन्हें प्लास्टिक का सामान, पिज़्ज़ा बॉक्स, मेटल और यार जैसे सामान शामिल है। इसके साथ ही प्लास्टिक का बोतल , चिप्स के पैकेट और दूध की खाली बोतलों को भी फेंका जाता है।