Chandrayaan-3 : पूरे देश के साथ-साथ दुनिया की नजरें इस समय चंद्रयान-3 पर टिकी हुईं. सभी लोगों को 23 अगस्त की शाम का बेसब्री से इंतजार है जब चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (LM) चांद की सतह पर उतरेगा. इसरो ने बताया है कि लैंडर की बुधवार (23 अगस्त) को शाम छह बजकर चार मिनट पर चांद की सतह पर लैंडिंग की उम्मीद है. बता दें कि चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी है जहां आज तक कोई नहीं पहुंच पाया है. इसरो ने इससे पहले 2019 में भी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने की कोशि की थी, लेकिन तब चंद्रयान-2 का लैंडर चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करते वक्त क्रैश हो गया था. इस बार भारत का लक्ष्य इसको सफल बनाने को है।
विक्रम लैंडर के लैंडिंग डेट में हो सकता है बदलाव
हालांकि, चंद्रयान-3 के लिए लैंडिंग के आखिरी 15 मिनट किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं हैं. इस वक्त मिशन का लैंडर मॉड्यूल चांद से न्यूनतम 25 किलोमीटर ही दूर है और चंद्रमा के लगातार चक्कर लगा रहा है. लेकिन आखिरी के 15 मिनट का टेरर से निपटने के लिए इसरो इस बार पूरी तरह तैयार है क्योंकि यही वो आखिरी 15 मिनट होंगे जब लैंडर और रोवर को इसरो के कंट्रोल रूम से कोई कमांड नहीं दी जा सकेगी.
इसरो के मुताबिक, लैंडिंग के लिए निर्धारित समय से ठीक 2 घंटे पहले यान को उतारने या न उतारने पर अंतिम निर्णय होगा। इसरो के वैज्ञानिक नीलेश एम देसाई के मुताबिक, अगर चंद्रयान 3 को 23 अगस्त को लैंड नहीं कराया जाता है, तो फिर इसे 27 अगस्त को भी चांद पर उतारा जा सकता है।
23 को आई गड़बड़ी तो 27 अगस्त को किया जाएगा लैंडिंग का प्रयास
देसाई ने कहा कि 23 अगस्त 2023 को लैंडिंग से दो घंटे पहले इसरो के प्रमुख वैज्ञानिक यह फैसला लेंगे कि लैंडिंग कराई जाए या नहीं. देसाई ने कहा कि इसमें हम देखेंगे कि हमें सही जगह लैंडिंग के लिए मिली या नहीं. लैंडर की सेहत कैसी है. साथ ही चंद्रमा के वायुमंडल और सतह की स्थिति कैसी है. क्या वो लैंडिंग के लिए उपयुक्त है. अगर किसी तरह की गड़बड़ी दिखती है. या आशंका पैदा होती है. तो चंद्रयान-3 की लैंडिंग 27 अगस्त 2023 को कराई जाएगी. किसी तरह की समस्या नहीं हुई तो 23 अगस्त को लैंडिंग कराई जाएगी
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