Uttar Pradesh Police Transfer Posting: उत्तर प्रदेश सरकार ने गुरुवार देर रात 31 आईएएस अधिकारियों के ट्रांसफर के आदेश जारी किए। इस फेरबदल में तीन मंडलों के कमिश्नर और 14 जिलों के जिलाधिकारी बदले गए हैं। योगी सरकार द्वारा जारी इस सूची में कई प्रमुख अधिकारियों की तैनाती बदली गई है, जिससे प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है।
मुख्य तैनातियां और तबादले
- सेल्वा कुमारी जे. – इन्हें सचिव, नियोजन एवं महानिदेशक, अर्थ एवं संख्या का प्रभार दिया गया है।
- नरेंद्र प्रसाद पांडेय – प्रयागराज राजस्व परिषद के सदस्य (न्यायिक) नियुक्त किए गए।
- ऋषिकेश भास्कर यशोदा – मेरठ मंडल के नए आयुक्त बने।
- शैलेंद्र कुमार सिंह – आगरा मंडल के आयुक्त के रूप में नियुक्त हुए।
- चंद्र प्रकाश सिंह – मथुरा के नए जिलाधिकारी बनाए गए।
- श्रुति – बुलंदशहर की जिलाधिकारी नियुक्त की गईं।
प्रमुख बदलाव वाले जिले
14 जिलों के डीएम बदले गए हैं, जिनमें लखनऊ, कानपुर, बागपत, बांदा, गाजियाबाद, बिजनौर, प्रतापगढ़, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अलीगढ़, मेरठ, फर्रुखाबाद, मथुरा और बुलंदशहर शामिल हैं।
सूर्यपाल गंगवार और राकेश कुमार सिंह को मुख्यमंत्री के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले सूर्यपाल गंगवार लखनऊ के डीएम थे, जबकि राकेश कुमार सिंह कानपुर नगर के डीएम थे। गंगवार के स्थान पर अलीगढ़ डीएम विशाख जी और राकेश कुमार सिंह की जगह बागपत डीएम जितेंद्र सिंह को भेजा गया है।
महत्वपूर्ण प्रभार और फेरबदल के कारण
1 जनवरी 2025 को 2009 बैच के 38 आईएएस अधिकारियों को सचिव स्तर पर पदोन्नत किया गया था। इनमें से कुछ अधिकारियों को इस नई सूची में सचिव या समकक्ष पदों पर पोस्टिंग दी गई है। निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के पुनर्निरीक्षण के बाद अब डीएम के तबादले संभव हुए हैं।
सूची में एसपी गोयल का प्रभाव
तबादला सूची में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल का प्रभाव साफ झलकता है। उनकी पसंद के अधिकारियों को मंडलायुक्त और जिलाधिकारी के महत्वपूर्ण पदों पर तैनात किया गया है। सूर्यपाल गंगवार और राकेश कुमार सिंह को मुख्यमंत्री का सचिव बनाया जाना भी गोयल की सिफारिश मानी जा रही है।
गंगवार और राकेश कुमार की तैनाती पर सवाल
लखनऊ डीएम रहे सूर्यपाल गंगवार पर उनके पिता से जुड़े जमीन विवाद का मामला सामने आया था। इसी तरह, राकेश कुमार सिंह के आवास में एक महिला की लाश मिलने का मामला चर्चा में रहा। इसके बावजूद इन दोनों को मुख्यमंत्री के सचिव पद जैसी महत्वपूर्ण पोस्टिंग दी गई, जो प्रशासनिक हलकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
योगी सरकार द्वारा किया गया यह फेरबदल आगामी योजनाओं और प्रशासनिक दक्षता को ध्यान में रखकर किया गया है। वरिष्ठ अधिकारियों की तैनाती में अनुभव और योग्यता को प्राथमिकता दी गई है। इससे आने वाले समय में राज्य में बेहतर प्रशासनिक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।