UPI News: 1 जनवरी 2025 से यूपीआई यूजर्स के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू होने जा रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई लेनदेन में सुधार और उपयोगकर्ता सुविधा बढ़ाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। इन नियमों के तहत अधिकतम लेनदेन की सीमा बढ़ाई गई है और नए फीचर्स शामिल किए गए हैं। आइए, नए साल में लागू होने वाले इन परिवर्तनों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
UPI123Pay की बढ़ी लिमिट
RBI ने फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए डिज़ाइन की गई सेवा UPI123Pay के लिए लेनदेन की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है। अब 1 जनवरी 2025 से UPI123Pay उपयोगकर्ता प्रतिदिन 10,000 रुपये तक का भुगतान कर सकेंगे। पहले यह सीमा 5000 रुपये थी। यह फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ा बदलाव है, जिससे वे अधिक लेनदेन कर पाएंगे।
हालांकि, स्मार्टफोन आधारित ऐप्स जैसे PhonePe, Paytm और Google Pay के लिए दैनिक लेनदेन सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। स्मार्टफोन उपयोगकर्ता अभी भी प्रतिदिन 1 लाख रुपये तक का लेनदेन कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ विशेष परिस्थितियों में, जैसे कॉलेज की फीस या हॉस्पिटल की स्थिति में, 5 लाख रुपये तक के लेनदेन की अनुमति है।
UPI सर्कल फीचर
2024 में लॉन्च किया गया UPI सर्कल फीचर, 2025 से सभी यूपीआई सपोर्टेड प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगा। वर्तमान में यह सुविधा BHIM ऐप के उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जा रही है। इस फीचर के माध्यम से, उपयोगकर्ता अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को शामिल कर सकते हैं, जो बैंक खाते के बिना भी भुगतान कर सकते हैं।
UPI सर्कल फीचर के दो ऑप्शन
- फुल डेलिगेशन: इस विकल्प के तहत सेकेंडरी उपयोगकर्ता को प्राइमरी उपयोगकर्ता द्वारा तय की गई सीमा के अनुसार लेनदेन शुरू करने और पूरा करने की अनुमति होगी।
- पार्शियल डेलिगेशन: इस विकल्प के तहत सेकेंडरी उपयोगकर्ता केवल लेनदेन शुरू कर सकेगा। लेनदेन को पूरा करने के लिए प्राइमरी उपयोगकर्ता को यूपीआई पिन का उपयोग करना होगा।
UPI सर्कल से जुड़े नियम
- एक प्राइमरी उपयोगकर्ता अधिकतम 5 सेकेंडरी उपयोगकर्ताओं को जोड़ सकता है।
- प्रत्येक लेनदेन के लिए 5000 रुपये की सीमा होगी और मंथली सीमा 15,000 रुपये होगी।
- सेकेंडरी उपयोगकर्ता के लिए पासकोड और बायोमैट्रिक जानकारी अनिवार्य होगी।
यूपीआई के नए आंकड़े
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, 2024 के जनवरी से नवंबर तक यूपीआई के माध्यम से 15,537 करोड़ लेनदेन किए गए। इन लेनदेन का कुल मूल्य 223 लाख करोड़ रुपये रहा। यह यूपीआई की बढ़ती लोकप्रियता और डिजिटल लेनदेन की सफलता को दर्शाता है।
यूपीआई के फायदे और उपयोगकर्ता अनुभव
यूपीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था को डिजिटल रूप में बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- सुविधा: तत्काल भुगतान और आसान उपयोग की सुविधा।
- सुरक्षा: लेनदेन के लिए मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन।
- समावेशिता: फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को शामिल करना।
1 जनवरी 2025 से लागू होने वाले नए नियम और फीचर्स यूपीआई को और अधिक सशक्त और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाएंगे। यह डिजिटल इंडिया अभियान को भी आगे बढ़ाने में सहायक साबित होगा।