Monday, March 17, 2025
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Union Cabinet Meeting: केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड को बड़ा तोहफा, अब केदारनाथ पहुंचे मात्र 39 मिनट में

Union Cabinet Meeting: बुधवार, 5 मार्च 2025 को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केदारनाथ धाम और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। साथ ही, पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए गए।

केदारनाथ धाम रोपवे परियोजना

केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के लिए रोपवे प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है। यह रोपवे सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी लागत 4081 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना का निर्माण नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट द्वारा किया जाएगा।

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस परियोजना से यात्रा में लगने वाला समय 8-9 घंटे से घटकर मात्र 36 मिनट रह जाएगा। इस रोपवे में एक बार में 36 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी, जिससे चारधाम यात्रा को अत्यधिक बढ़ावा मिलेगा।

स्थानीय व्यवसायों को मिलेगा लाभ

रोपवे बनने से चारधाम यात्रा आसान और सुरक्षित होगी। इससे स्थानीय पर्यटन और व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा।

  • यात्री सुविधाओं में सुधार होगा।
  • होटल, ढाबों और अन्य व्यापारियों की आमदनी बढ़ेगी।
  • पर्यटन के बढ़ने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
  • छह महीने की यात्रा अवधि में तीर्थयात्रियों की संख्या को संतुलित किया जा सकेगा, जिससे शुरुआती दो महीनों में संसाधनों पर दबाव कम होगा।

हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजना

उत्तराखंड सरकार द्वारा हेमकुंड साहिब और वैली ऑफ फ्लावर तक यात्रा सुगम बनाने के लिए एक और रोपवे परियोजना की घोषणा की गई है। इस परियोजना पर 2730 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह रोपवे सिख श्रद्धालुओं के लिए हेमकुंड साहिब यात्रा को सुगम बनाएगा और ट्रेकिंग करने वाले पर्यटकों को भी लाभ मिलेगा।

केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाओं की विशेषताएँ:

  • परियोजनाएँ उत्तराखंड रोपवे अधिनियम, 2014 के तहत संचालित होंगी।
  • लाइसेंसिंग, संचालन की निगरानी, सुरक्षा और किराया निर्धारण का कानूनी ढांचा सुनिश्चित किया जाएगा।
  • पर्यटन और धार्मिक यात्रा को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम के लिए बड़ी पहल

केंद्रीय कैबिनेट ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम के लिए 3880 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत दो प्रमुख पशु रोगों – खुरपका-मुंहपका रोग (FMD) और ब्रुसेलोसिस को नियंत्रित करने के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा।

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मुख्य पहलें:

  1. व्यापक टीकाकरण अभियान:
    • देशभर में पशुओं को टीकाकरण प्रदान किया जाएगा।
    • मवेशियों, भेड़ों, बकरियों और सूअरों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  2. मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयाँ:
    • किसानों को उनके घर के द्वार पर चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।
    • ग्रामीण क्षेत्रों में पशु चिकित्सा सुविधाओं की पहुंच आसान होगी।
  3. भारत पशुधन पोर्टल:
    • पशुओं के स्वास्थ्य की लाइव मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा।
    • पशुपालकों को अपने मवेशियों की जानकारी ऑनलाइन अपडेट करने की सुविधा दी जाएगी।
  4. पशु औषधि और दवा वितरण:
    • उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
    • पीएम किसान समृद्धि केंद्रों और सहकारी समितियों के माध्यम से दवाओं का वितरण किया जाएगा।
  5. पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा:
    • एथनो-वेटरनरी चिकित्सा को प्रोत्साहित किया जाएगा।
    • आयुर्वेदिक और हर्बल उपचारों को पशु चिकित्सा पद्धतियों में शामिल किया जाएगा।

लाभ और प्रभाव:

  • देशभर में पशुपालकों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
  • दूध उत्पादन में वृद्धि होगी, जिससे डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।
  • किसानों को बेहतर पशु स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त होंगी।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

केंद्रीय कैबिनेट के इन फैसलों से उत्तराखंड और देशभर के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोपवे परियोजनाएँ यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाएंगी, जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। वहीं, पशुधन स्वास्थ्य और रोग रोकथाम योजना से पशुपालन को मजबूती मिलेगी, जिससे किसानों और डेयरी उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार के इन प्रयासों से उत्तराखंड में आर्थिक गतिविधियों को भी गति मिलेगी।

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