विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी UGC अब सभी उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) का मूल्यांकन करेगा। इसके लिए यूजीसी की ओर एक प्रणाली विकसित की जा रही है। यह मूल्यांकन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के कार्यान्वयन के आधार पर किया जायेगा। मालूम हो कि इसकी कवायद कवायद पहले ही शुरु कर दी गई थी। अब आयोग ने दस्तावेज का मसौदा तैयार करने के लिए हितधारकों/जनता से सुझाव/प्रतिक्रिया आमंत्रित की है।
दो चरण में होगा मूल्यांकन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने दो चरणीय मूल्यांकन प्रणाली तैयार की है। पहले चरण में, संस्थान को ‘क्वालिफायर’ नामक अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करना होगा। यहां अनिवार्य मानदंड होंगे जिन्हें किसी उच्च शिक्षा संस्थान को विशेषाधिकार के अनुदान के लिए पात्र बनने के लिए पूरा करना होगा। उसके बाद ‘क्वांटिफायर’, जहां उच्च शिक्षा संस्थान को NEP 2020 और यूजीसी विनियमों की पहलों पर आधारित प्रश्नों की एक श्रृंखला का ‘हां’ या ‘नहीं’ में उत्तर देना होगा।
फिलहाल यूजीसी ने देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में नीति के अमल को परखने को लेकर एक ड्राफ्ट जारी किया है। जिसमें सभी संस्थानों को नीति से जुड़े 49 बिंदुओं पर अमल को लेकर जवाब देना होगा। यूजीसी ने यह कदम तब उठाया है, जब नीति को अमल में लाए हुए करीब चार साल होने के बाद भी कई संस्थानों में इसके अमल को लेकर अपेक्षा अनुरूप प्रगति देखने को नहीं मिल रही है।
गलत जानकारी देने पर होगी कार्यवाई
मालूम हो कि मूल्यांकन उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले डेटा/साक्ष्य पर आधारित होगा। झूठे साक्ष्य प्रस्तुत करने या उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा कोई गलत घोषणा करने पर आवेदन को अस्वीकार कर दिया जाएगा और यूजीसी द्वारा उचित समझी जाने वाली कोई अन्य कार्रवाई की जाएगी।