SEBI New Chairman: 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी रहे तुहिन कांता पांडे अब भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के 11वें चेयरमैन बन गए हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने पांडे को तीन साल के लिए सेबी का प्रमुख नियुक्त किया है। मालूम हो कि पांडे वर्तमान में वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत हैं। वह माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल इस महीने खत्म हो रहा है।
माधबी पुरी बुच का कार्यकाल हो गया समाप्त
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो माधबी पुरी बुच के तीन साल के कार्यकाल में नियमों से जुड़ी प्रस्तावों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस दौरान SEBI ने 197 चर्चा पत्र जारी किए, जो उनके पहले के सेबी चीफ के पांच साल के कार्यकाल की तुलना में 73% अधिक है। ऐसे में भारत पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है।
गौरतलब है कि पांडे ऐसे वक्त में SEBI की कमान संभालेंगे जब बाजार पर विदेशी संस्थागत निवेशकों के बाहर निकलने के चलते दबाव बढ़ा हुआ है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस साल जनवरी से अब तक ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा निवेश निकाल लिया है।
कौन हैं तुहिन कांता पांडे?
पांडे 1987 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उन्होनें पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और बर्मिंघम विश्वविद्यालय (यूके) से एमबीए किया है। इस नियुक्ति से पहले पांडे वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के सचिव और वित्त सचिव के रूप में कार्यरत थे। इससे पहले, उन्होंने तीन विभागों- निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM), सार्वजनिक उद्यम विभाग (DPE) और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव का कार्यभार संभाला था।
दीपम में सचिव के रूप में सेवा देने से पहले, पांडे ने संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के क्षेत्रीय कार्यालय में कार्य करने के अलावा, केंद्र सरकार और ओडिशा राज्य सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। केंद्र सरकार में, उनके पिछले पदों में संयुक्त सचिव, योजना आयोग (अब नीति आयोग), संयुक्त सचिव, कैबिनेट सचिवालय और वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव शामिल हैं। इसके अलावा उड़ीसा सरकार के कई विभागों में काम कर चुके हैं।
कितनी होगी तुहिन कांता पांडे की सैलरी !
बता दें कि ओडिशा सरकार के तहत, उन्होंने स्वास्थ्य, सामान्य प्रशासन, वाणिज्यिक कर, परिवहन और वित्त विभागों में प्रशासनिक प्रमुख के रूप में सेवाएं दी हैं। शिक्षा के क्षेत्र में, उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में मास्टर डिग्री और ब्रिटेन के बर्मिंघम विश्वविद्यालय से एमबीए किया है।