Top 5 Coward Rulers Of World History: इतिहास में हमें कई महान योद्धा और पराक्रमी राजा देखने को मिलते हैं, जिन्होंने अपनी वीरता और रणनीति से साम्राज्य का विस्तार किया। लेकिन इसके विपरीत, कुछ ऐसे भी शासक हुए हैं जो अपनी कायरता, कमजोर नेतृत्व और गलत फैसलों के कारण विफल रहे। ये शासक युद्ध के समय डर गए, अपने लोगों की रक्षा नहीं कर पाए, या फिर अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर रहे।
इस लेख में, हम इतिहास के पांच सबसे डरपोक राजाओं / शासकों पर चर्चा करेंगे, जिन्होंने अपने शासनकाल में कमजोर नेतृत्व दिखाया और अपनी कायरता के लिए जाने गए।
1. लुई सोलहवाँ (Louis XVI) – फ्रांस
लुई सोलहवाँ फ्रांस का अंतिम बर्बोन राजा था, जिसने 1774 से 1792 तक शासन किया। उसे अक्सर फ्रांस की क्रांति (1789) के दौरान अपने अनिर्णय और कायरता के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता है।
- लुई सोलहवाँ एक कमजोर और असमर्थ शासक था, जो कठिन परिस्थितियों में निर्णय लेने से हिचकता था।
- जब फ्रांस में क्रांति शुरू हुई, तो उसने अपने देश की बिगड़ती स्थिति को अनदेखा कर दिया और सुधारों को लागू करने में असमर्थ रहा।
- जब जनता ने विद्रोह किया, तो उसने भागने का प्रयास किया, लेकिन पकड़ा गया और जनता द्वारा गद्दी से हटा दिया गया।
- अंततः, उसे 1793 में गिलोटीन से मौत की सजा दी गई।
2. मुहम्मद शाह रंगीला – मुगल साम्राज्य, भारत | Top 5 Coward Rulers Of World History:
मुहम्मद शाह रंगीला (1719-1748) भारत में मुगल साम्राज्य का एक ऐसा शासक था, जो विलासिता में डूबा हुआ था और जिसे शासन चलाने की चिंता नहीं थी।
- जब नादिर शाह ने 1739 में भारत पर आक्रमण किया, तो मुहम्मद शाह रंगीला उसका सामना करने के बजाय शांत बैठा रहा।
- उसकी निष्क्रियता के कारण दिल्ली को नादिर शाह ने लूट लिया और वहाँ भारी नरसंहार हुआ।
- उसने अपनी सेना को संगठित करने या युद्ध लड़ने की कोई कोशिश नहीं की और आत्मसमर्पण कर दिया।
- उसकी इस कमजोरी के कारण मुगल साम्राज्य पूरी तरह से कमजोर हो गया और जल्द ही ब्रिटिश तथा अन्य विदेशी शक्तियों का प्रभाव बढ़ने लगा।
3. निकोलस द्वितीय (Nicholas II) – रूस
निकोलस द्वितीय रूस का अंतिम ज़ार (1894-1917) था और उसे एक कमजोर और नाकाम शासक के रूप में जाना जाता है।
- उसने रूस को प्रथम विश्व युद्ध में झोंक दिया, लेकिन अपनी सेना का सही नेतृत्व नहीं कर सका।
- 1917 की रूसी क्रांति के दौरान, वह निर्णय लेने में असमर्थ था और स्थिति को संभाल नहीं सका।
- उसने सत्ता से त्यागपत्र दे दिया और अपने परिवार के साथ आत्मसमर्पण कर दिया।
- अंततः, 1918 में बोल्शेविक क्रांतिकारियों ने निकोलस द्वितीय और उसके पूरे परिवार को मार दिया।
4. चार्ल्स II (Charles II) – इंग्लैंड
चार्ल्स II (1660-1685) इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड का राजा था, जिसे अपने कमजोर नेतृत्व और अनिर्णय के लिए जाना जाता है।
- वह अत्यधिक भोग-विलास में डूबा रहता था और राजकाज में ज्यादा रुचि नहीं लेता था।
- जब इंग्लैंड पर संकट आया, तो उसने अपनी सत्ता बचाने के लिए फ्रांस के राजा लुई चौदहवें से गुप्त समझौता किया।
- वह युद्धों में कोई दृढ़ता नहीं दिखा सका और बाहरी शक्तियों पर निर्भर रहा।
- उसके शासनकाल में इंग्लैंड में राजनीतिक अस्थिरता बनी रही और उसने कोई मजबूत नेतृत्व नहीं दिया।
5. चीन का अंतिम सम्राट – पु यी (Puyi)
पु यी चीन का अंतिम सम्राट था, जिसने 1908 में मात्र दो साल की उम्र में सिंहासन संभाला। वह चीन के किंग वंश का अंतिम शासक था और उसकी कमजोरियों के कारण यह वंश समाप्त हो गया।
- वह अपने शासनकाल में कठपुतली शासक बना रहा और जापान के नियंत्रण में आ गया।
- जब जापान ने उसे मंचूरिया का सम्राट घोषित किया, तो उसने बिना किसी विरोध के जापान की बात मान ली।
- वह कभी भी स्वतंत्र रूप से शासन नहीं कर सका और हमेशा दूसरों के नियंत्रण में रहा।
- अंततः, जब द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जापान की हार हुई, तो उसे सोवियत संघ ने बंदी बना लिया।
इन पाँच शासकों के उदाहरण यह दर्शाते हैं कि एक राजा या शासक की कमजोरी और कायरता किस तरह उसके साम्राज्य के पतन का कारण बन सकती है। एक नेता का सबसे महत्वपूर्ण गुण साहस और दूरदर्शिता होता है, लेकिन इन शासकों में यह गुण नहीं था। इतिहास हमें सिखाता है कि जो शासक निर्णय लेने में हिचकते हैं, युद्ध से बचने की कोशिश करते हैं, या विलासिता में डूबे रहते हैं, वे अंततः अपने साम्राज्य को खो बैठते हैं।