Recently updated on July 25th, 2024 at 12:41 pm
चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड कर गया है और इससे देश में खुशी का माहौल है। लेकिन चंद्रयान-3 को लेकर राजनीति भी देखने को मिल रही है। यह बात तो सभी को पता है कि चंद्रयान 3 प्रधानडॉ. राजन चोपड़ामंत्री नरेंद्र मोदी के वर्तमान कार्यकाल में सफल हुआ है और इसको लेकर भाजपा समेत वे सभी लोग जो देश का भला चाहते हैं वें जश्न मना रहे हैं। लेकिन अगर आप कांग्रेस पार्टी के ट्विटर हैंडल पर ध्यान दें तो वहां बार-बार यह बताने की कोशिश की जा रही है कि इसरो पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के समय स्थापित किया गया था और चंद्रयान मिशन भी पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में लॉन्च हुआ था। यह बात सही है, इसमें कोई शक नहीं है। लेकिन यह कहना कि चंद्रयान-3 की सफलता का क्रेडिट मोदी सरकार को नहीं जाना चाहिए, यह थोड़ा सही नहीं है। क्योंकि सरकार की इच्छा शक्ति के बिना कोई बड़ा प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पता है।
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चंद्रयान 3 चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंड कर गया है और उसको लेकर कई लोग नाखुश खुश भी हैं। ऐसे लोगों के बारे में अब कहना ही क्या जो कि देश का भला नहीं सोच सकते। इन्हें तो केवल राजनीति से मतलब है। चंद्रयान-3 केवल एक पार्टी या फिर एक दल की सफलता नहीं बल्कि यह हमारे देश के वैज्ञानिकों की सफलता है। इसका जश्न हम सभी को मनाना चाहिए। लेकिन इस पर राजनीति होना कतई सही नहीं है। क्रेडिट लेने की होड़ में हम यह भूल जाते हैं कि हमारे वैज्ञानिकों ने इस मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च करने और चांद तक पहुंचने में कितनी मेहनत की है। चंद्रायान 3 की सफलता का श्रेय इसरो के वैज्ञानिकों को जाता है लेकिन हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यह सरकार की इच्छा शक्ति का भी परिणाम है। कांग्रेस पार्टी बार-बार यह याद दिलाना चाहती है कि इसरो की स्थापना कांग्रेस के कार्यकाल में हुई। अब इसमें नया क्या है। जब देश को आजादी मिली तो उसे समय कांग्रेस की सरकार बनी और ऐसे में अगर कोई संस्था या फिर कोई एजेंसी स्थापित होती है तो वह वहीं सरकार करेगी जो उसे समय सत्ता में थी। तो उसे समय कांग्रेस ने भी यही किया। लेकिन बार-बार यह बताना कि इसरो की स्थापना कांग्रेस पार्टी ने की कांग्रेस पार्टी के द्वारा किया गया। यह थोड़ा सही नहीं लगता क्योंकि आपने स्थापना की और उसे चीज को अब आगे बढ़ाया गया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में मंगल मिशन से लेकर चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया और ये दोनों ही मिशन सफल हुए हैं। चलिए अब बात हमार पड़ोसी देश पाकिस्तान की करते है। चंद्रयान 3 जा सफल हो चुका है तो वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान से भी ऐसी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं जिसको सुनकर हंसी भी आती है और अफसोस भी होता है कि वह पाकिस्तान जो अभी तक अपने यहां एक सर दर्द की दवा नहीं बन पाता है वह भारत की सफलता पर जल भून रहा है। जलना पाकिस्तान की मजबूरी भी है क्योकि आखिर पाकिस्तान को जलने के सिवा और आता ही क्या है ? हालांकि, ऐसा नहीं है कि पाकिस्तान के लोग चंद्रायान 3 की सफलता पर खुश नहीं है वहां जो पढ़ा लिखा तब का है वह चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर खुश है। लेकिन पाकिस्तान में जाहिलों की जमात की भी कमी नहीं है। पाकिस्तानी कर भी तो करें क्या क्योंकि वह जलने के शिव कुछ कर भी नहीं सकते हैं। इसलिए चंद्रयान-3 जब से सफल हुआ है तब से पाकिस्तान के कुछ नेताओं और विद्वानों को काफी जलन हो रही है कि आखिर इंडिया आगे कैसे बढ़ गया।
तो पाकिस्तान वालों मैं आपको बता दूं कि भारत इसलिए आगे बढ़ गया क्योंकि भारत ने अपनी सकारात्मक सोच के साथ मेहनत की और हमने कोशिश नहीं छोड़ी। हम कोशिश करते रहे और आखिरकार हम सफल हुए और यही हमारी सफलता का राज है। यही हमारे वैज्ञानिकों के सफलता का राज है। अब आपको जलना है तो आप जलिए इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। लेकिन याद रखिए कि जब तक आप अपने आतंकवाद के सोच से बाहर नहीं निकलेंगे आप दुनिया के लिए कुछ अच्छा नहीं कर सकते हैं। चंद्रयान-3 अगर आज सफल हुआ है तो यह केवल भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व समुदाय के लिए अच्छा है। भारत जो भी खोज अब चांद पर करेगा उसका क्रेडिट उसका फल केवल भारत को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को मिलेगा। टेक्नोलॉजी का जमाना है और टेक्नोलॉजी में हम लोग एक साथ चल रहे हैं। भारत हमेशा से पूरी दुनिया को अपना परिवार मानता आया है और यही कारण है कि चंद्रायान 3 की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बात को कहा कि चंद्रयान-3 केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानव सभ्यता के लिए मिल का पत्थर साबित होने वाला है।