Friday, November 22, 2024
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तमिलनाडु सरकार की नाश्ता योजना से 85% स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति बढ़ी

तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल स्कूली छात्रों के लिए मिड डे मिल के साथ बच्चों को नाश्ता उपलब्ध कराने की भी शुरुआत की थी। इसके साथ तमिलनाडु ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया था। तमिलनाडु सरकार की इस पहल का लाभ भी अब मिलते हुए दिखने लगा हैं। सरकार की इस नाश्ता योजना से 85 प्रतिशत स्कूलों में उपस्थिति बढ़ रही है। दरअसल, राज्य योजना आयोग के एक सर्वेक्षण के अनुसार तमिलनाडु सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों की एक छोटी संख्या में नाश्ता शुरू करने के कदम से अधिकांश विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति में वृद्धि हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है। यह योजना 1,543 विद्यालयों में लागू की गई थी, जिनमें से 1,319 में उपस्थिति में वृद्धि देखी गई। राज्य योजना आयोग द्वारा लगभग 217 स्कूलों ने उपस्थिति पैटर्न में कोई बदलाव नहीं देखा है।

छात्रों की उपस्थिति बढ़ी

अध्ययन के अनुसार, जनवरी और फरवरी 2023 के बीच छात्र उपस्थिति की तुलना 2022 में इसी समय सीमा के दौरान उपस्थिति छात्र से की गई थी। स्कूली छात्रों के लिए नाश्ते की इस योजना कार्यक्रम से पहले केवल पीएम पोषण योजना, जिसे पूर्व में मध्याह्न भोजन योजना या एमडीएम योजना के रूप में जाना जाता था, मध्याह्न भोजन की आपूर्ति किया करती थी। पूरे तमिलनाडु और शेष भारत के सरकारी स्कूलों में दिन का भोजन। आपको बता दें कि मध्याह्न भोजन लागू करने वाला भी तमिलनाडु पहला राज्य था। वहीं नाश्ता योजना की शुरुआत 2022 में हुई थी, जो स्कूलों में छात्रों को मिलने वाला मध्याह्न भोजन से अलग हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार, कार्यक्रम के कार्यान्वयन के बाद जनवरी और फरवरी में तिरुपथुर, पेराम्बलुर, अरियालुर और तिरुवरूर के चार जिलों के स्कूलों में 100% भागीदारी देखी गई। इसके अतिरिक्त 13 क्षेत्रों में 90% से अधिक उपस्थिति दर नोट की गई। 2022 में इसी समय की तुलना में 1,086 स्कूलों में उपस्थिति में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि 22 स्कूलों में उपस्थिति में 40 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।

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