Tapsee Pannu: बॉलीवुड इंडस्ट्री एक्ट्रेस तापसी पन्नू आज के समय में किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। एक्ट्रेस ने अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों के दिलों में खास जगह बनाई हैं। वहीं इन दिनों तापसी अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ को लेकर लाइमलाइट में छाई हुई हैं।
वह इस फिल्म में एक बार फिर अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरने में कामयाब रहीं हैं। वहीं इस फिल्म से पहले एक्ट्रेस बॉलीवुड किंग शाहरुख खान के साथ फिल्म डंकी में नजर आईं थी। हाल ही तापसी ने शाहरुख की तारीफ करते हुए एक किस्सा साझा किया।
उन्होंने खुलासा किया कि शाहरुख ने एक बार उन्हें लोगों को उनके बारे में अच्छी बातें कहने के लिए पैसे देने के विचार को अपनाने के लिए राजी किया था। वह शुरू में इसके खिलाफ थीं। मगर जब उन्होंने उन्होंने बिलबोर्ड के रूप में सोचने के लिए कहा। तो तापसी का मन बदल गया।
तापसी ने साझा किया मजेदार किस्सा
हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान तापसी ने डंकी को-स्टार शाहरुख खान के बारे में बात की और कहा, ‘मैं दूसरे दिन बता रही थी कि मैं वास्तव में लोगों को मेरे बारे में अच्छी बातें करने या केवल अच्छी चीजें लिखने के लिए खरीदने में विश्वास नहीं करती।
मुझे याद है कि मैंने उनसे इस बारे में बात की थी और उन्होंने कहा था कि बिलबोर्ड हैं, है ना? और आप अपने विज्ञापनों के लिए, अपने प्रदर्शन के लिए बिलबोर्ड के लिए भुगतान करते हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आप जब इसे दर्शकों को दिखाना चाहते हैं? इसलिए जो लोग आपके लिए अच्छा कहने के लिए भुगतान करना चाहते हैं।
उनके साथ बिलबोर्ड की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्हें मार्केटिंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।’ तापसी ने बताया कि शाहरुख के तर्क ने उन्हें अपने रुख पर पुनर्विचार करने पर मजबूर कर दिया।
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शाहरुख के लिए कही यह बात
तापसी ने आगे कहा कि वह मानती थी कि प्रचार ऑर्गेनिक तरीके से होना चाहिए और लोगों को उनके बारे में अच्छी बातें कहने के लिए पैसे देने के खिलाफ थीं। मगर शाहरुख खान के तर्क ने उनके दृष्टिकोण को तुरंत बदल दिया, जो उन्हें बेहद ही प्रभावशाली लगा।
एक्ट्रेस ने कहा, ‘एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो कभी लोगों को खरीदने में विश्वास नहीं करता। मैं सोचती थी कि जो भी प्रचार होता है वह ऑर्गेनिक होना चाहिए। मैं लोगों को मेरे बारे में अच्छा कहने के लिए पैसे नहीं दे सकती। फिर मैंने सोचना शुरू कर दिया कि वे बिलबोर्ड हैं। उन्होंने वास्तव में अपने तर्क से इतनी जल्दी मेरा दृष्टिकोण बदल दिया, जो केवल एक बेहद बुद्धिमान व्यक्ति ही कर सकता है।’