Supreme Court on Air Pollution: दिल्ली में प्रदूषण को लेकर लगी पाबंदियां अभी जारी रहेंगी। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के चौथे चरण के प्रतिबंधों में ढील देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को जस्टिस अभय ओक और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इसे 5 दिसंबर तक बढ़ा दिया। कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब तक कि उसे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के स्तर में गिरावट का रुझान नहीं दिखाई देता, तब तक ग्रेप-4 नहीं हटाया जाएगा।
सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ और यह ‘खराब’ श्रेणी में 273 पर पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यह सही है कि ग्रैप सिर्फ ऐसी व्यवस्था है जो हालात खराब होने पर लागू की जाती है। कोई नीति नहीं है। कोई स्थायी समाधान जरूर है। इसके अलावा पीठ ने ये भी कहा कि दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान समेत एनसीआर राज्यों के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को दोपहर 3:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होना होगा।
GRAP-IV के तहत कंस्ट्रक्शन पर रोक
बता दें कि GRAP-IV के तहत कंस्ट्रक्शन पर रोक रहती है। कोर्ट ने राज्य सरकारों को आदेश दिया था कि काम बंद होने पर मजदूरों को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ेगा, उन्हें आर्थिक मदद दें। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में 2 दिसंबर तक GRAP-4 की पाबंदियां लागू रहेंगी। स्कूलों को छोड़कर अन्य स्थानों पर ग्रैप-4 लागू रहेगा।
ये भी पढ़ें: Supreme Court: बंधुआ मजदूरों और बाल मजदूरों की वित्तीय सहायता में देरी पर सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी