Saturday, February 15, 2025
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Supreme Court ने आरजी कर मामले में डॉक्टरों के पक्ष में सुनाया फैसला , नहीं होगी कोई अनुपस्थिति दर्ज

Supreme Court in RG KAR case: सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि यदि कोई डॉक्टर 22 अगस्त 2024 के बाद अपनी ड्यूटी पर शामिल हुआ है, तो उसकी अनुपस्थिति को नियमित किया जाएगा और उसे ड्यूटी से गैरहाजिर नहीं माना जाएगा। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इस विषय पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह आदेश विशेष परिस्थितियों और तथ्यों के आधार पर दिया गया है और इसे भविष्य के मामलों में मिसाल के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।

कोर्ट का स्पष्ट निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि प्रदर्शनकारी कर्मचारी शीर्ष अदालत के आदेश के बाद कार्य पर लौट आए हैं, तो उनकी गैरहाजिरी को नियमित किया जाएगा और इसे अनुपस्थिति नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने जोर देकर कहा कि यह निर्देश केवल इस विशेष मामले तक सीमित रहेगा और अन्य मामलों में इसे लागू करने का कोई प्रावधान नहीं है।

RG Kar case: 'Regularise absence of doctors during protests,' Supreme Court  tells hospitals | Latest News India - Hindustan Times

डॉक्टरों की दलीलें और सरकार की प्रतिक्रिया | Supreme Court in RG KAR case

डॉक्टरों के संगठन ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि कुछ अस्पतालों ने 22 अगस्त 2024 के आदेश के बाद डॉक्टरों की अनुपस्थिति को नियमित कर दिया था, जबकि एम्स दिल्ली सहित कुछ अन्य संस्थानों ने इसे छुट्टी के रूप में चिह्नित किया है। इस संदर्भ में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह मामला गैर-विरोधात्मक है और अस्पतालों को शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन करना चाहिए।

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केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश स्पष्ट है और सभी अस्पतालों को इसे लागू करना चाहिए। हालांकि, एम्स दिल्ली ने डॉक्टरों की इस अवधि को छुट्टी के रूप में चिह्नित करने का निर्णय लिया है, जबकि अन्य संस्थानों ने इसे नियमित कर दिया है।

प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं

गौरतलब है कि कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद देशभर में डॉक्टरों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया था और हड़ताल की थी। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी कहा था कि प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। इसके बावजूद, कुछ अस्पतालों ने इस अवधि को छुट्टी के रूप में दर्ज किया है, जिससे प्रभावित डॉक्टरों को परेशानी हो रही है।

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