Red sandalwood smuggling racket: आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुपति रेड सैंडर्स एंटी-स्मगलिंग टास्क फोर्स ने लाल चंदन की तस्करी के बड़े अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। 22 जनवरी को गुप्त सूचना के आधार पर टास्क फोर्स ने वाहन चेकिंग अभियान चलाया, जिसमें उन्होंने 4.5 करोड़ रुपये मूल्य की लाल चंदन की लकड़ी जब्त की और तीन तस्करों को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार तस्कर और उनकी पहचान
गिरफ्तार किए गए तस्करों की पहचान नरेंद्र कुमार उर्फ मणि (तमिलनाडु), बिनॉय कुमार भगत (असम), और विजय जोशी (राजस्थान) के रूप में हुई है। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य है रैकेट के मुख्य संचालकों और उनके नेटवर्क की जानकारी जुटाना।
फिल्म ‘पुष्पा’ जैसा तस्करी का तरीका
जांच के दौरान खुलासा हुआ कि तस्कर लाल चंदन की तस्करी करने के लिए अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा’ से प्रेरित तरीके का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने लकड़ी को एक कंटेनर लॉरी में छिपा रखा था और उसे विशेष तरीके से ढका था ताकि किसी को शक न हो। तस्करों का इरादा लगभग 7 टन लकड़ी को असम ले जाने का था, लेकिन टास्क फोर्स की सतर्कता ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।
लाल चंदन की विशेषता और मांग
लाल चंदन, जिसे रेड सैंडर्स के नाम से भी जाना जाता है, आंध्र प्रदेश की एक लुप्तप्राय लकड़ी की प्रजाति है। यह अपने गहरे लाल रंग और अनूठी बनावट के कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में बेहद मूल्यवान मानी जाती है। खासकर चीन और जापान जैसे देशों में इसकी भारी मांग है, जहां इसका उपयोग फर्नीचर, संगीत वाद्ययंत्र, और सजावटी सामान बनाने में होता है। इन उपयोगों के कारण इसकी कीमत आसमान छूती है।
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तस्करी के पीछे की वजह
लाल चंदन की अधिक मांग के चलते ब्लैक मार्केट में इसकी तस्करी से भारी मुनाफा होता है। हालांकि, इस प्रजाति की सुरक्षा के लिए सरकार ने इसकी कटाई और परिवहन पर सख्त प्रतिबंध लगाए हैं। इसके बावजूद, इस लकड़ी की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है।
टास्क फोर्स की कार्रवाई और रणनीति
टास्क फोर्स ने स्पष्ट किया है कि इस घटना के बाद संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी और तेज की जाएगी। रैकेट में शामिल तस्करी सिंडिकेट्स पर नकेल कसने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे। टास्क फोर्स के एक अधिकारी ने कहा, “हमारे पास अंतरराज्यीय नेटवर्क का पर्दाफाश करने और तस्करी पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त योजना है।”
तस्करी रोकने की चुनौती
लाल चंदन की तस्करी पर पूरी तरह से अंकुश लगाना एक बड़ी चुनौती है। इसे रोकने के लिए टास्क फोर्स को आधुनिक तकनीक और स्थानीय समुदायों की मदद की जरूरत है। साथ ही, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में इसके अवैध व्यापार पर सख्त निगरानी जरूरी है।