RBI MPC Meeting: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पहली बार केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में लिए गए फैसलों का एलान किया। एमपीसी के नए एलानों में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अगले वित्त वर्ष 2025-26 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है। साथ ही, आरबीआई गवर्नर ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) में खुदरा महंगाई दर 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया। और चालू वित्त वर्ष में इसके 4.8 प्रतिशत के अनुमान को बरकरार रखा।
एमपीसी की पहली बैठक में क्या है खास?
दरअसल, मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अपनी पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद कई चीजों को लेकर विस्तार से बातचीत की। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि भारत निश्चित रूप से 7 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल कर सकता है और देश को इसकी आकांक्षा रखनी चाहिए।
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट प्रस्तावों पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि आयकर में छूट से मुद्रास्फीति नहीं बढ़ेगी, बल्कि विकास को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के सबसे निचले स्तर पर पहुंचने के बाद बजट 2025-26 में उपभोग को बढ़ावा देने के लिए मध्यम वर्ग को अबतक की सबसे बड़ी आयकर छूट प्रदान करने की घोषणा की है।
भारत की जीडीपी की वृद्धि दर में गिरावट
बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2024-25 की जुलाई-सितंबर अवधि में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर सात तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जबकि आरबीआई ने स्वयं सात प्रतिशत का अनुमान लगाया था। संसद में पिछले सप्ताह पेश आर्थिक समीक्षा में अनुमान लगाया गया था कि मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी बातों के आधार पर भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर चार साल के निचले स्तर 6.4 प्रतिशत पर आने का अनुमान है, जो दशकीय औसत के करीब है।
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