Qatar royal family Fight over Diamond: लंदन के हाई कोर्ट में कतर के शाही परिवार के दो सदस्यों के बीच हीरे के विवाद का मामला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। यह मामला शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी और पूर्व संस्कृति मंत्री शेख सऊद बिन मोहम्मद अल थानी के रिश्तेदारों के बीच है। विवाद का केंद्र बिंदु है ‘आइडल्स आई’ नाम का 70 कैरेट का बेशकीमती हीरा, जिसकी कीमत लाखों डॉलर में आंकी जाती है।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी क्यूआईपीसीओ (QIPCO) के पास यह हीरा उधार के रूप में है। इस हीरे को शेख सऊद ने 2000 के दशक में खरीदा था और 2014 में उनकी मृत्यु से पहले उन्होंने इसे QIPCO को उधार दिया था। दोनों पक्षों के बीच एक अनुबंध हुआ था, जिसमें QIPCO को एलेनस होल्डिंग्स की सहमति से हीरे को खरीदने का विकल्प प्रदान किया गया था। एलेनस होल्डिंग्स एक लिकटेंस्टीन स्थित कंपनी है, जिसका स्वामित्व अल थानी फाउंडेशन के पास है। इस फाउंडेशन के लाभार्थी शेख सऊद की विधवा और उनके तीन बच्चे हैं।
एलेनस होल्डिंग्स और QIPCO के दावे
QIPCO का दावा है कि उन्हें 2020 में एलेनस होल्डिंग्स से एक पत्र मिला था, जिसमें 10 मिलियन डॉलर की कीमत पर हीरे की बिक्री की सहमति थी। कंपनी अब इस अधिकार को लागू करना चाहती है। दूसरी ओर, एलेनस होल्डिंग्स का कहना है कि हीरे की सही कीमत 27 मिलियन डॉलर आंकी गई है, जो QIPCO द्वारा बताई गई कीमत से काफी अधिक है। एलेनस का यह भी तर्क है कि 2020 में भेजा गया पत्र एक त्रुटि के कारण भेजा गया था और शेख सऊद के बेटे शेख हमद बिन सऊद अल थानी ने केवल सही कीमत पर बिक्री की संभावना तलाशने का सुझाव दिया था। इस दौरान अन्य लाभार्थियों के साथ इस मुद्दे पर कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया था।
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कोर्ट में पेश किए गए तर्क
लंदन के हाई कोर्ट में दोनों पक्षों के वकीलों ने अपने-अपने तर्क पेश किए। QIPCO के वकील ने कहा कि कंपनी ने 2020 के पत्र के आधार पर हीरा खरीदने का निर्णय लिया है और अनुबंध के मुताबिक उन्हें इसे 10 मिलियन डॉलर में खरीदने का अधिकार है। एलेनस होल्डिंग्स का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील साद हुसैन ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पत्र गलती से भेजा गया था और हीरे की सही कीमत बहुत अधिक है। उनका तर्क है कि शेख सऊद के बेटे ने अन्य लाभार्थियों से परामर्श किए बिना यह निर्णय लिया, और वह इस हीरे को किसी भी कीमत पर सस्ती दर में नहीं बेचने के इच्छुक हैं।
विरासत और पारिवारिक विवाद का मामला
इस पूरे विवाद में कतर के शाही परिवार की विरासत का मुद्दा भी जुड़ा है। शेख सऊद एक सम्मानित नेता और कला प्रेमी थे, जिन्होंने कतर में संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अपने जीवनकाल में कला और संस्कृति के क्षेत्र में भारी निवेश किया और विश्वप्रसिद्ध कलाकृतियों का संग्रह किया। उनका योगदान कतर की सांस्कृतिक धरोहर में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार के बीच संपत्ति और संपत्तियों के बंटवारे को लेकर विभिन्न मतभेद सामने आए। यह विवाद न केवल संपत्ति के मूल्यांकन और वितरण को लेकर है, बल्कि एक बड़े सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी इसे देखा जा रहा है। परिवार के अन्य सदस्यों का मानना है कि हीरे जैसी धरोहर को उचित कीमत पर ही बेचा जाना चाहिए, ताकि इसकी सही आर्थिक और ऐतिहासिक कीमत बनी रहे।