USAID: भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए अमेरिका की ओर से 21 मिलियन डॉलर दिए जाने को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सवाल खड़ा किया है। साथ ही ट्रंप प्रशासन के सरकारी दक्षता विभाग ने इस फंड को रद्द कर दिया है। फ्लोरिडा स्थित अपने मार-ए-लागो निवास पर ट्रंप ने सवाल उठाया कि भारत को 21 मिलियन डॉलर (182 करोड़ रुपए) क्यों दिए गए, जबकि भारत के पास पहले से ही बहुत पैसा है। मालूम हो कि अमेरिका सरकार ने कई देशों में चलने वाले यूएस एड के प्रोग्राम को बंद किया है।
भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों ?
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम भारत को 21 मिलियन डॉलर क्यों दे रहे हैं? उनके पास तो पहले से ही बहुत पैसा है. वे दुनिया के सबसे ज्यादा टैक्स लगाने वाले देशों में से एक हैं, खासकर हमारे लिए. हम वहां मुश्किल से पहुंच पाते हैं, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत ज्यादा हैं. मुझे भारत और उसके प्रधानमंत्री का बहुत सम्मान है, लेकिन भारत में वोटर टर्नआउट के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों? हमारे यहां वोटर टर्नआउट का क्या?’ ट्रंप ने अपने इसी बयान में भारत की ओर से लगाए जाने वाले टैरिफ का मुद्दा भी उठा दिया.
सरकारी दक्षता विभाग ने किया खुलासा
बता दें कि यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिका के सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने 16 फरवरी को 21 मिलियन डॉलर के अनुदान को रद्द कर दिया। एक्स पर किए गए एक पोस्ट में DOGE ने कई विदेशी सहायता कार्यक्रमों को अनावश्यक और अत्यधिक बताते हुए उन्हें रद्द कर दिया, जिसमें भारत में मतदाता मतदान प्रोजेक्ट सबसे ऊपर थी।
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