Chandrayaan 3 : चंद्रयान 3 चंद्रमा के साउथ पोल पर बुधवार शाम सफलतापूर्वक लैंड कर गया और उसके लैंड करते ही भारत दुनिया के चार ऐसे देश में शामिल हो गया है जो चांद पर पहुंचें हो। इसमें सबसे बड़ी खास बात यह है कि भारत चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ ही दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग की हो। बता दे कि चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद भारत सहित विश्व में रहने वाले भारतीयों के बीच खुशी का माहौल है। हर कोई चंद्रयान 3 के चांद पर सफल लैंडिंग को सेलिब्रेट कर रहा है। सोशल मीडिया पर भी लोग एक दूसरे को चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर बधाइयां दे रहे हैं। कल शाम जब चंद्रयान 3 चांद के साउथ पोल पर लैंड कर रहा था उसे समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी दक्षिण अफ्रीका से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसरो की टीम के साथ जुड़े और उन्होंने इसरो की टीम को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए बधाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा पर हैं। इस समय हर तरफ चंद्रयान-3 की ही चर्चा है। भारत सहित दूसरे देशों में भी चंद्रयान-3 के लिए इसरो की टीम की सराहना की गई है। बता दे कि चंद्रयान-3 बुधवार को चांद की साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड हो गया है और अब रोवर प्रज्ञान भी लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है।
लैंडिंग के बाद करीब ढ़ाई घंटे बाद प्रज्ञान रोवर आया लैंडर से बाहर
लैंडिंग के करीब 2 घंटे 30 मिनट के बाद प्रज्ञान बाहर आया। लैंडिंग के 2 घंटे 30 मिनट बाद दरअसल चांद पर धूल के पूरी तरह से समाप्त होने के बाद इसरो की टीम ने प्रज्ञान को विक्रम से बाहर निकाला। बता दे की पर प्रज्ञान ने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं। चंद्रयान-3 का अब असली मिशन शुरू होगा और विक्रम एवं प्रज्ञान मिलकर चांद के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी जुटाएंगे। इस संबंध में इसरो की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक रोवर पर प्रज्ञान लैंडर विक्रम से बाहर आ गया है और उसने चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान छोड़ दिए हैं। प्रज्ञान अब 14 दिन तक चांद पर रहकर चांद के साउथ पोल की स्टडी करेगा और जानकारियां जुटाएगा और लैंडर विक्रम को भेजेगा। इसके बाद यहां से सभी जानकारियां धरती पर बैठे इसरो के साइंटिस्टों के पास भेजी जाएगी। बता दे कि चांद पर रोवर प्रज्ञान जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वह चांद की धरती और अशोक स्तंभ तथा इसरो के निशान भी अपने पीछे छोड़ना जा रहा है। दरअसल पर ज्ञान के पहिए पर इसरो और अशोक स्तंभ के निशान बने हैं तो जैसे-जैसे रोवर प्रज्ञान आगे बढ़ रहा है चांद पर अशोक स्तंभ और इसरो के निशान बनते जा रहे हैं। बता दे की संबंध में इसरो द्वारा चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग से पहले भी जानकारी दी गई थी।
Chandrayaan 3 की सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर भारत में जश्न का माहौल
बता दे की चंद्रायान 3 के कैलेंडर विक्रम की चांद पर शॉफ्ट लैंडिंग के दौरान काफी धूल उड़ने लगी थी जिसके बाद इसरो की टीम ने 2 घंटे 30 मिनट का इंतजार किया और उसके बाद लैंडर विक्रम से प्रज्ञान को बाहर निकल गया। आपको बता दें कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर भारत में जश्न का माहौल है और हर कोई एक दूसरे को बधाइयां दे रहा है। भारत की इस उपलब्धि पर भारत के दूसरे दुनिया के दूसरे देशों ने भी भारत को बधाई दी है। गौरतलब है कि इससे पहले साल 2019 में चंद्रयान मिशन 2 सफल होते-होते रह गया था लेकिन इस बार चंद्रयान-2 की असफलता से काफी कुछ सीख कर चंद्रयान-3 को तैयार किया गया था और इस बार कोई गलती नहीं हुई और भारत आखिरकार चांद पर पहुंच गया। बता दे कि इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस जैसे देश चांद पर पहुंच चुके हैं और अभी सूची में भारत का भी नाम जुड़ गया है और भारत चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का चौथा और चांद के साउथ पोल पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।