Friday, March 21, 2025
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New India Co-operative Bank Scam: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में हुए 122 करोड़ रुपये का घोटाला, जनरल मैनेजर पर गिरी गाज

New India Co-operative Bank Scam: मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में हुए 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला चर्चा में है। इस घोटाले में बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर हितेश प्रवीणचंद मेहता पर आरोप लगाए गए हैं। आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए दादर और गोरेगांव ब्रांच के खातों से यह रकम हड़प ली। यह घोटाला तब हुआ जब हितेश बैंक के जनरल मैनेजर थे और इन दोनों ब्रांचों की जिम्मेदारी उनके पास थी।

पुलिस ने दर्ज की FIR

बैंक के चीफ अकाउंट्स ऑफिसर की शिकायत पर दादर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। शिकायत के मुताबिक, यह घोटाला साल 2020 से 2025 के बीच हुआ। पुलिस को शक है कि हितेश के अलावा एक और व्यक्ति भी इस घोटाले में शामिल है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे आगे की जांच के लिए इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) को ट्रांसफर कर दिया गया है।

इन धाराओं में दर्ज हुई FIR | New India Co-operative Bank Scam

दादर पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 (5) और 61 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। अब EOW की जांच से यह साफ होगा कि यह घोटाला कैसे अंजाम दिया गया और इसमें कितने लोग शामिल थे। साथ ही, यह भी पता चलेगा कि क्या बैंक की ओर से नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में कोई लापरवाही बरती गई थी।

 

RBI Imposes Restrictions On New India Co-operative Bank Over Rs 122 Crore Fraud

बैंक पर लगे हैं कड़े प्रतिबंध

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इस बैन के बाद अब बैंक न तो किसी को नया लोन दे सकेगा और न ही मौजूदा लोन का नवीनीकरण कर सकेगा। साथ ही, बैंक नई जमा राशी एक्सेप्ट नहीं कर पाएगा और कोई निवेश नहीं कर सकेगा। इसके अलावा अपनी देनदारियों के लिए पेमेंट भी नहीं कर सकेगा और संपत्तियों को बेचने पर भी रोक रहेगी।

RBI ने गुरुवार को अपने बयान में कहा था कि बैंक में हाल ही में हुई वित्तीय गड़बड़ियों और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के मद्देनजर ये कदम उठाए गए हैं। ये प्रतिबंध 13 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे और अगले छह महीने तक लागू रहेंगे।

घोटाले का असर

इस घोटाले का असर बैंक के ग्राहकों और निवेशकों पर पड़ा है। बैंक के जमाकर्ताओं को अपनी जमा राशि निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, बैंक की वित्तीय स्थिति पर भी सवाल उठने लगे हैं। RBI के प्रतिबंधों के बाद बैंक की कार्यप्रणाली पूरी तरह से प्रभावित हो गई है।

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जांच की प्रगति

EOW की जांच अभी शुरुआती चरण में है। जांचकर्ताओं का मानना है कि यह घोटाला एक बड़े साजिश का हिस्सा हो सकता है। हितेश मेहता के अलावा अन्य लोगों की भी भूमिका हो सकती है। जांच में यह भी पता चलेगा कि क्या बैंक के अन्य अधिकारियों ने भी इस घोटाले में कोई भूमिका निभाई है।

बैंक की प्रतिक्रिया

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, बैंक के सूत्रों का कहना है कि वे जांच एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और सच्चाई सामने आने का इंतजार कर रहे हैं।

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