अमेरिकी सीनेट ने गुरुवार को भारतीय मूल के Kash Patel को फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के नए निदेशक के रूप में मंजूरी दे दी। पटेल को अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने देश की शीर्ष कानून प्रवर्तन एजेंसी का नेतृत्व करने के लिए चुना है। उन्हें ट्रंप का कट्टर सहयोगी भी कहा जाता है। मालूम हो कि 44 साल के पटेल की नियुक्ति पर सीनेट में करीबी मतदान हुआ। उनके पक्ष में 51 मत जबकि विरोध में 49 मत पड़े। रिपब्लिकन पार्टी की सुसान कॉलिन्स और लिसा मर्कोव्स्की ने भी 47 डेमोक्रेट्स के साथ पटेल की नियुक्ति के खिलाफ वोट दिया।
अमेरिकी सीनेट ने दी मंजूरी
दरअसल, अमेरिकी सीनेट ने बृहस्पतिवार को एफबीआई निदेशक के रूप में काश पटेल की पुष्टि की, जिसके बाद पटेल ने आभार व्यक्त किया और एजेंसी को ‘पारदर्शी, जवाबदेह और न्याय के लिए प्रतिबद्ध’ बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। पटेल ने राष्ट्रपति ट्रंप और अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। साथ ही एफबीआई में जनता का विश्वास बहाल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
खुफिया एजेंसियों का कामकाज देखते थे
बता दें कि काश पटेल नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के सीनियर एडवाइजर के तौर पर काम कर चुके हैं। इस दौरान वे 17 खुफिया एजेंसियों का कामकाज देखते थे। इस पद को संभालने के दौरान पटेल कई अहम मामलों में शामिल थे। वे ISIS लीडर्स, अल-कायदा के बगदादी और कासिम अल-रिमी जैसे नेताओं के खात्मे के अलावा कई अमेरिकी बंधकों को वापस लाने के मिशन में भी शामिल रहे हैं।
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