Friday, November 8, 2024
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India-America Relations: भारत को ट्रंप से क्यों है खतरा? भारत के इन उद्योगों पर पड़ेगा बुरा असर

India-America Relations: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इस चुनाव में जीत हासिल की और अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति बन चुके हैं। अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनेंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकाल सिर्फ अमेरिका नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए काफी मायने रखना है और इसमें भारत भी शामिल है।

ट्रंप का कार्यकाल क्यों है महत्वपूर्ण

ट्रंप का कार्यकाल भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है। ट्रंप के नेतृत्व में अगर नया अमेरिकी प्रशासन ‘अमेरिका फर्स्ट’ एजेंडा को आगे बढ़ाने का फैसला करता है, तो भारतीय एक्सपोर्टर्स को ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फार्मा के लिए ज्यादा कस्टम ड्यूटी का सामना करना पड़ सकता है।

आपको बता दें कि यह टैरिफ भारत की वस्तुओं पर भी ट्रंप लगाने वाले हैं। ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि भारत हमारी कंपनियों और वस्तुओं पर काफी ज्यादा टैरिफ लगाता है जबकि उसे नहीं करना चाहिए। उसके अलावा उन्होनें भारत से अपने देश में आने वाले प्रोडक्ट पर भी टैरिफ बढ़ाने की बात कह चुके हैं। ऐसे में भारत प्रभावित हो सकता है।

भारत को ट्रंप से क्यो हैं खतरा ?

एक्सपर्ट्स का कहना है कि ने ट्रंप एच-1बी वीजा नियमों को भी सख्त कर सकते हैं, जिससे भारतीय आईटी कंपनियों की लागत और वृद्धि पर असर पड़ेगा। आपको बता दें कि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा आईटी एक्सपोर्ट इनकम अमेरिका से आती है, जिससे वीजा पॉलिसी में बदलाव के प्रति भारत संवेदनशील हो जाता है। मालूम हो कि अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। अमेरिका से भारत का सालाना कारोबार 190 अरब डॉलर से ज्यादा है।

सुरक्षा की दृष्टि से अगर देखें तो डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ नजदीकी देखी जा चुकी है। इसलिए भारत इस मामले में प्रभावित हो सकता है।

डोनाल्ड ट्रंप का इमीगेशन को लेकर रुख

डोनाल्ड ट्रंप सबसे पहले इमीग्रेशन और उर्जा नीति में बदलाव करेंगे। ट्रंप ने भारी संख्या में अवैध प्रवासियों को अमेरिका से निकालने का वादा किया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ट्रंप सबसे पहले इसी पर काम करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप 2015 से ही इमीग्रेशन पर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। उन्होंने अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले 13 मिलियन से अधिक अप्रवासियों को सामूहिक रूप से निर्वासित करने की बात कही है। अपराधिक रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को ट्रंप सबसे पहले डिपोर्ट करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप मेक्सिको के साथ लगने वाली अमेरिकी सीमा को भी बंद करेंगे।

क्या है ट्रंप का 100 दिन का एजेंडा

ट्रंप अपने 100 दिन के एजेंडे में अमेरिका को प्राथमिकता देने वाली विदेश नीति लागू करने की बात कही है। ट्रंप ने यह भी कहा कि पदभार ग्रहण करने से पहले ही रूस और यूक्रेन का युद्ध समाप्त कर देंगे। हालांकि यह आने वाला समय ही बताएगा। मगर ट्रंप यूक्रेन को आर्थिक मदद देने के पक्ष में नहीं हैं। ट्रंप नाटो में आर्थिक सहयोग नहीं देने वाले देशों को भी धमकी दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश पर्याप्त राशि का योगदान नहीं देता है तो अमेरिका उसकी रक्षा नहीं करेगा। ट्रंप इस दिशा में भी कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।

डोनाल्ड ट्रंप ने विदेशी वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाने का एलान किया है। उनकी योजना के मुताबिक सभी चीनी वस्तुओं पर 60 फीसदी और मेक्सिको से आने वाले सामान पर 25 से 200 फीसदी तक टैरिफ बढ़ाने की बात कही है। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया में ट्रेड वार शुरू हो सकता है।

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