Income Tax Department: साल 2024 में शादियों का सीजन खत्म हो चुका है, लेकिन इसके साथ ही भव्य शादियों पर इनकम टैक्स विभाग की नजर गहराने लगी है। पिछले दो महीनों, नवंबर और दिसंबर में देश के विभिन्न शहरों में हुईं महंगी शादियां टैक्स विभाग के रडार पर आ गई हैं। ये वही शादियां हैं जिनमें बॉलिवुड स्टार्स और अन्य सेलिब्रिटीज ने भाग लिया, जिससे इन शादियों की भव्यता और अधिक बढ़ गई।
बेहिसाब खर्च: 7500 करोड़ रुपये का मामला
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जयपुर में 20 वेडिंग प्लानर्स के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की है। विभाग को संदेह है कि पिछले एक साल में आयोजित भव्य शादी समारोहों में करीब 7500 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी खर्च की गई है। इन शादियों में फेक बिल बनाने वाले संदिग्ध एंट्री ऑपरेटर्स, हवाला एजेंट्स और म्यूल अकाउंट्स के जरिए लेन-देन किया गया। हैदराबाद और बेंगलुरु में स्थित पार्टनर्स इस गोरखधंधे को संचालित करने में सहयोग कर रहे हैं।
डेस्टिनेशन वेडिंग भी जांच के घेरे में
इनकम टैक्स विभाग ने इस सप्ताह छापेमारी शुरू की, जो अगले कुछ दिनों तक जारी रहेगी। इस दौरान विभाग नकदी में हुए लेन-देन की जांच करेगा, जिसमें 50-60% रकम वेडिंग प्लानर्स के माध्यम से खर्च की गई। सूत्रों के अनुसार, जांच डेस्टिनेशन वेडिंग तक पहुंच सकती है, जो अक्सर विदेशों के खूबसूरत स्थानों पर आयोजित की जाती हैं। इन शादियों में मेहमानों और सेलिब्रिटीज को ले जाने के लिए चार्टर्ड फ्लाइट्स की बुकिंग होती है, जो खर्च को और अधिक बढ़ा देती है।
छापेमारी का दायरा
विभाग ने भव्य शादियों के आयोजन में शामिल कैटरिंग फर्म्स और अन्य सेवाप्रदाताओं से भी पूछताछ शुरू की है। अधिकारियों का कहना है कि शादियों में मेहमानों की संख्या और कार्यक्रम के स्केल के आधार पर किए गए खर्च का हिसाब लगाया जाएगा। इनकम टैक्स कानून के तहत विभाग को ऐसे अनडिक्लेयर्ड खर्चों की जांच का पूरा अधिकार है।
जयपुर: वेडिंग प्लानर्स का केंद्र
अब तक की जांच में पता चला है कि जयपुर इस पूरे गोरखधंधे का मुख्य केंद्र है। यहां के वेडिंग प्लानर्स को अन्य शहरों के प्लानर्स द्वारा इवेंट आयोजित करने के लिए संपर्क किया जाता है। ये प्लानर्स लग्जरी होटलों, टेंट हाउस, कैटरर्स, फ्लोरिस्ट्स और सेलिब्रिटी मैनेजर्स के साथ मिलकर शादियों की योजना तैयार करते हैं।
हाई-प्रोफाइल इवेंट का गोरखधंधा
टैक्स अधिकारियों के अनुसार, लग्जरी वेडिंग क्लाइंट अपने स्थानों पर हाई-प्रोफाइल इवेंट प्लानर्स से संपर्क करते हैं। ये प्लानर्स राजस्थान के इवेंट आयोजकों के साथ साझेदारी करते हैं। ये साझेदारियां शादी की भव्यता बढ़ाने के साथ-साथ बेहिसाब लेन-देन को अंजाम देती हैं।
टैक्स नियमों का उल्लंघन
शादियों में खर्च किए गए बेहिसाब धनराशि का मामला इनकम टैक्स विभाग के लिए चिंता का विषय है। नकद लेन-देन और फेक बिलिंग के जरिए टैक्स की चोरी बड़े पैमाने पर हो रही है। विभाग ने कैश ट्रांजेक्शन के साथ-साथ मनी ट्रेल का पता लगाने के लिए व्यापक जांच शुरू की है।
सेलिब्रिटीज और चार्टर्ड फ्लाइट्स
भव्य शादियों में सेलिब्रिटीज की भागीदारी और चार्टर्ड फ्लाइट्स की बुकिंग ने इन आयोजनों को और आकर्षक बना दिया है। हालांकि, इन खर्चों को सही तरीके से घोषित न करना इनकम टैक्स कानून का उल्लंघन है।
पिछले कुछ वर्षों में भारत में भव्य शादियों का चलन बढ़ा है। हालांकि, इन आयोजनों में बेहिसाब नकदी का इस्तेमाल टैक्स नियमों के लिए चुनौती बन गया है। इनकम टैक्स विभाग का यह कदम न केवल टैक्स चोरी को रोकने की दिशा में है, बल्कि देश में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का भी प्रयास है। आने वाले समय में विभाग की यह जांच और भी गहरी हो सकती है, जिससे डेस्टिनेशन वेडिंग और हाई-प्रोफाइल इवेंट्स की वास्तविकता सामने आएगी।