Lord Vishnuji Avtar : माना जाता है कि जब-जब सृष्टि पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर पृथ्वी पर जरूर आते है और उस संकट को दूर करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव जी और भगवान विष्णु जी ने भी कई बार धरती पर अवतार लिए हैं। भगवान शिव के 19 अवतार है। जबकि भगवान विष्णु के 24 अवतार है, जिसमें से 23 अवतार अब तक सृष्टि पर अवतरित हो चुके है। वहीं 24 और अंतिम ‘कल्कि अवतार’ के रूप में आना बाकी है। तो आइए जानते हैं भगवान विष्णु (Lord Vishnuji Avtar) के 24 अवतारों के बारे में-
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इस प्रकार विष्णु जी ने लिए अवतार
- श्री सनकादि मुनि – पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु ने सबसे पहले सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम के चार मुनियों के रूप में अवतार लिया हैं। ये चारों विष्णु जी के सर्वप्रथम अवतार है।
- वराह – कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने दूसरा अवतार वराह के रूप में लिया है। ये अवतार भगवान ने ब्रह्मा जी की नाक से तब लिया था, जब पुरातन समय में दैत्य हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को समुद्र में छिपा दिया था।
- नारद अवतार – धर्म ग्रंथों के अनुसार, देवर्षि नारद को भी भगवान विष्णु का अवतार माना जाता हैं। जो ब्रह्मा जी के सात मानस पुत्रों में से एक है।
- नर-नारायण – कहा जाता है कि सृष्टि के आरंभ में विष्णु जी ने धर्म की स्थापना के लिए दो रूपों में अवतार लिया था, जिसे नर-नारायण का अवतार कहा जाता हैं।
- कपिल मुनि – विष्णु जी ने कपिल मुनि के रूप में पांचवा अवतार लिया है।
- दत्तात्रेय – धार्मिक मान्यता के अनुसार, दत्तात्रेय भी भगवान विष्णु के अवतार हैं। कहा जाता है कि ब्रह्मा जी के अंश से चंद्रमा का, शंकर जी के अंश से दुर्वासा का और विष्णु जी के अंश से दत्तात्रेय का जन्म हुआ है।
- यज्ञ – विष्णु जी के सातवें अवतार का नाम हैं यज्ञ, जिनका जन्म स्वायम्भुव मन्वन्तर में हुआ है।
- भगवान ऋषभदेव जी – ऋषभदेव जी भी भगवान विष्णु के आठवें अवतार हैं।
- आदिराज पृथु – विष्णु जी के नौवें अवतार का नाम हैं आदिराज पृथु।
- मत्स्य – पौराणिक कथाओं के अनुसार, विष्णु जी ने पृथ्वी को प्रलय से बचाने के लिए मत्स्यावतार लिया था।
- कूर्म (कछुए) – पुराणों के अनुसार, विष्णु जी ने कूर्म का भी अवतार लिया था, जिसके जरिए उन्होंने समुद्र मंथन में सहायता की थी।
- भगवान धन्वन्तरि – समुद्र मंथन से ही भगवान विष्णु, धन्वन्तरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। विष्णु जी के धन्वन्तरि अवतार को औषधियों का स्वामी भी माना जाता हैं।
- मोहिनी – भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार भी लिया था, जिसके जरिए उन्होंने देवताओं को संकट से उबारा है।
- भगवान नृसिंह – विष्णु जी ने नृसिंह अवतार लेकर हिरण्यकशिपु का वध किया था। जो दैत्यों के राजा थे।
- वामन – पुराणों के अनुसार, वामन जी भी भगवान विष्णु के अवतार है।
- हयग्रीव – भगवान विष्णु जी ने हयग्रीव अवतार लेकर मधु-कैटभ का वध किया था।
- श्रीहरि – गजेंद्र की स्तुति सुनकर भगवान विष्णु, श्रीहरि अवतार मे प्रकट हुए थे। इसके बाद उन्होंने अपने चक्र से मगरमच्छ का वध किया था। फिर बाद में गजेंद्र का उद्धार कर श्रीहरि ने उन्हें अपना पार्षद बना लिया था।
- परशुराम – धर्म ग्रंथों के अनुसार, परशुराम जी भी भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक हैं।
- महर्षि वेदव्यास – महर्षि वेदव्यास को भी विष्णु जी का ही एक अंश माना जाता हैं। आपको बता दें कि भगवान व्यास ने ही महाभारत ग्रंथों की रचना की थी।
- हंस – भगवान विष्णु जी ही महाहंस के रूप में प्रकट हुए है।
- श्रीराम – राक्षसराज रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम अवतार में जन्म लिया था।
- श्रीकृष्ण- कंस का वध करने के लिए और सृष्टि को प्रेम का पाठ पढ़ाने के लिए विष्षु जी ने श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया था।
- बुद्ध – धर्म ग्रंथों के अनुसार, बौद्धधर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध भी विष्णु जी के ही अवतार हैं।
- कल्कि – पुराणों के अनुसार, भगवान विष्णु कलियुग व सतयुग के संधिकाल में कल्कि रूप में अवतार लेंगे। जो 64 कलाओं से युक्त होंगे। पौराणिक कथाओ के अनुसार, यूपी के मुरादाबाद जिले के शंभल नामक स्थान पर विष्णुयशा नाम के तपस्वी ब्राह्मण के घर भगवान विष्णु कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे। जो घोड़े पर सवार होकर पृथ्वी से पापियों का विनाश करेंगे। साथ हा धर्म की पुन: स्थापना करेंगे।
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