Thursday, December 12, 2024
MGU Meghalaya
Homeधर्मVastu Tips : स्वास्तिक बनाने से पहले जानिए ये नियम, नहीं तो...

Vastu Tips : स्वास्तिक बनाने से पहले जानिए ये नियम, नहीं तो होगा अनर्थ

Swastik Symbol Significance : हिंदू धर्म में जितना पूजा-पाठ, मंत्र और पूजा सामग्री का महत्व है उतना ही धार्मिक चिन्हों का भी अत्याधिक महत्व होता हैं। इसलिए ज्यादातर हिंदू घरों मे ओम, शुभ-लाभ, स्वास्तिक और कलश आदि के चिन्ह बनाए जाते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, घरों में इन चिन्हों को लगाने व बनाने से परिवार में सुख, शांति, खुशहाली, समृद्धि और सकरात्मकता का संचार होता है। इसके अलावा कहा जाता है कि घर के दरवाजे पर बाहर या अंदर इन धार्मिक चिन्हों को बनाने से परिवार पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।

आज हम आपको इस आर्टिकल में स्वास्तिक के चिह्न (Swastik Symbol Significance) के बारे में विशेष बाते बताएंगे।

यह भी पढ़ें- Vastu tips : आर्थिक तंगी समेत कई परेशानियों का समाधान हैं केले के पेड़, जानिए उपाय

स्वास्तिक का चिन्ह बनाते समय इस बातों का रखें ध्यान

Vastu Tips- India TV Hindi

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्वास्तिक (Swastik Symbol Significance) शुभता का प्रतीक होता हैं। कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हल्दी या सिंदूर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाने से उस काम का फल हमेशा शुभ मिलता है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक, उत्तर-पूर्व दिशा में स्वास्तिक का चिन्ह बनान शुभ होता हैं।

वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार और मंदिर में हल्दी से स्वास्तिक (Swastik Symbol Significance) के चिन्ह को बनाना चाहिए और फिर उसके नीचे शुभ-लाभ लिखें। इसके अलावा स्वास्तिक के चिन्ह को हमेशा 9 उंगली लंबा और चौड़ा ही बनाना चाहिए। इससे परिवार में नकारात्मक ऊर्जा का संचार नहीं होता हैं। बल्कि पॉजिटिविटी आती है।

यह भी पढ़ें- Vastu Shastra : देवी-देवता को प्रसाद चढ़ाते समय इन नियमों का करें पालन, नहीं तो हो सकता है अनर्थ

Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना जरूरी है कि southblockdigital.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।

- Advertisment -
Most Popular