देश में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ते नजर आ रहे हैं। देश में पिछले 24 घंटों में 4 हजार से भी अधिक कोविड केस सामने आए हैं, जिसके बाद चिंता फिर से बढ़ने लगी। कोरोना के इन बढ़ते मामलों के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट के द्वारा वकीलों को सुनवाई के दौरान वर्चुअली पेश होने की छूट दी गई है। बुधवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय में CJI डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की खंडपीठ ने कहा कि हमें अखबारों के जरिए पता चला कि देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए वकील कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश होने के लिए स्वतंत्र हैं। बेंच ने कहा कि हाइब्रिड मोड पहले से ही उपलब्ध होने के कारण वकीलों को ऑनलाइन मोड के माध्यम से पेश होने की अनुमति दी गई है।
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आपको बता दें कि कोरोना के चलते कोर्ट पहले भी वर्चुअल मोड में चल चुका है। कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोर्ट में ऑनलाइन मोड में सुनवाई हुई थी। तब मामलों की सुनवाई हाइब्रिड मोड में की गई थी। एक बार फिर से बढ़ते मामलों को देखते हुए वकीलों को हाइब्रिट मोड पर सुनवाई के लिए उपस्थित होने की छूट दी गई है।
पहले देश में जब कोविड के मामले बढ़ रहे थे, तब सर्वोच्च न्यायालय और राज्यों के उच्च न्यायालयों ने अपने दैनिक संचालन और अदालत से संबंधित गतिविधियों को संचालित करने के लिए वर्चुअल मोड का इस्तेमाल किया है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय सहित कई राज्य उच्च न्यायालयों ने सुनवाई किए जा रहे मामलों की कार्यवाही को प्रसारित किया है। गुजरात हाईकोर्ट देश का पहला ऐसा हाईकोर्ट बना था, जहां सुनवाई की यू-ट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हुई थी। अब कोरोना के मामले जब एक बार फिर बढ़ने लगे हैं, तो इसका असर देखने को मिलने लगा है और वर्चुअल मोड में सुनवाई की छूट दी गई है।