Saturday, October 12, 2024
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ED Action On FIEWIN : ऑनलाइन गेमिंग एप FIEWIN के खिलाफ ED की बड़ी कार्रवाई: आर्थिक अपराध और भारत विरोधी साजिश का पर्दाफाश

ED Action On FIEWIN : हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन गेमिंग एप FIEWIN के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 25 करोड़ रुपये की राशि फ्रीज कर दी है। यह कार्रवाई भारत में ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल धोखाधड़ी से जुड़ी गतिविधियों पर केंद्रित है, जिनमें विदेशी नागरिकों की संदिग्ध भूमिका और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप शामिल हैं।

ED ने न केवल इस एप से संबंधित भारतीय नागरिकों के खिलाफ कार्रवाई की है, बल्कि चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट्स भी फ्रीज किए हैं। जांच में खुलासा हुआ है कि इस गेमिंग एप के जरिए करीब 400 करोड़ रुपये चीन भेजे गए थे, जो भारत विरोधी गतिविधियों और अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के उद्देश्य से हो रही साजिश का हिस्सा था।

ऑनलाइन गेमिंग और भारत विरोधी साजिश का भंडाफोड़

ED की जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि FIEWIN गेमिंग एप, एक ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग धोखाधड़ी प्लेटफॉर्म है, जो चीनी नागरिकों द्वारा संचालित किया जा रहा था। इस एप के माध्यम से भारत से चीन के बैंक खातों में 400 करोड़ रुपये भेजे गए, जो भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की दिशा में एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। इस गेमिंग एप के जरिये चीनी मूल के नागरिकों ने भारत में अवैध तरीके से बड़ी मात्रा में पैसा कमाया और इसे विदेशी खातों में भेजा।

इस ऑनलाइन एप ने भारतीय नागरिकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अत्यधिक आक्रामक प्रचार तकनीकों का इस्तेमाल किया। इसने उपयोगकर्ताओं को शुरुआती दौर में छोटे मुनाफे का लालच दिया, जिससे वे इसमें भारी निवेश करने के लिए प्रेरित हुए। एक बार जब उपयोगकर्ता इसमें बड़ी मात्रा में पैसा लगाने लगे, तो गेमिंग धोखाधड़ी की प्रक्रिया शुरू होती, जिसके बाद यह पैसा अवैध तरीकों से विदेशी खातों में भेज दिया जाता।

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चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट्स फ्रीज

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस कार्रवाई के तहत तीन चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट्स को फ्रीज किया है, जिनमें करीब 25 करोड़ रुपये की धनराशि थी। यह पहली बार है जब ED ने ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े चीनी नागरिकों के क्रिप्टो एकाउंट्स को निशाना बनाते हुए इस तरह की कार्रवाई की है। इसके अलावा, ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े ट्रेल का भी पता लगाने की कोशिश की है, जो इस मामले को और भी गंभीर बनाता है।

ED की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीनी नागरिक इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए भारतीय नागरिकों की मदद ले रहे थे। उन्होंने भारत में अपने नेटवर्क के जरिए भारतीय नागरिकों को इस योजना में शामिल किया और उन्हें मोटे कमीशन का लालच देकर अवैध लेनदेन को अंजाम दिलाया। यह पूरी योजना काफी संगठित और सुव्यवस्थित तरीके से संचालित की जा रही थी, जिसमें तकनीकी और वित्तीय प्रणाली का दुरुपयोग किया गया था।

भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी

इस मामले में ED ने चार भारतीय नागरिकों को भी गिरफ्तार किया है, जो इस पूरे षड्यंत्र का हिस्सा थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से कुछ ने ED के सामने खुलासा किया कि FIEWIN गेमिंग एप के जरिए भारत से 400 करोड़ रुपये चीन भेजे गए हैं। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उनसे हुई पूछताछ में यह भी पता चला कि इस गेमिंग एप के जरिए भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग धोखाधड़ी का एक बड़ा नेटवर्क चल रहा था, जिसमें चीनी नागरिकों का सीधा संबंध था।

FIEWIN एप के खिलाफ ED की छापेमारी

इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय ने देश के विभिन्न हिस्सों में इस गेमिंग एप के खिलाफ छापेमारी भी की थी। इस दौरान ED ने कई आपत्तिजनक दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और बैंकिंग लेनदेन से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए थे। यह छापेमारी भारत में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत की गई, जिसमें ED ने पाया कि इस एप के जरिए अवैध गतिविधियों के माध्यम से बड़ी मात्रा में पैसा कमाया जा रहा था और इसे विदेशी खातों में स्थानांतरित किया जा रहा था।

इस मामले में पहले ही कोलकाता के कोसीपोर पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और साजिश के मामले में IPC की धारा 420, 406, और 120B के तहत केस दर्ज किया गया था। यह केस 16 मई 2023 को दर्ज हुआ था, जिसके बाद इस मामले की जांच की गई और ED ने इस पर अपनी कार्रवाई शुरू की।

भारत की अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

FIEWIN गेमिंग एप के माध्यम से चीन द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने की साजिश का यह खुलासा भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ा झटका था। भारत में ऑनलाइन गेमिंग और डिजिटल फाइनेंशियल फ्रॉड के जरिए अवैध धनराशि को विदेशी खातों में स्थानांतरित करना न केवल वित्तीय प्रणाली के लिए खतरा है, बल्कि इससे देश की आर्थिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ती है।

इस मामले में चीन के नागरिकों द्वारा भारत की डिजिटल इकोनॉमी का दुरुपयोग कर 400 करोड़ रुपये की राशि को अवैध रूप से चीन भेजा गया। यह सीधे तौर पर देश की मुद्रा और आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने की दिशा में एक बड़ी साजिश थी। चीनी नागरिकों द्वारा इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देना यह साबित करता है कि भारत के ऑनलाइन वित्तीय तंत्र को और अधिक सुरक्षित और कड़े कदमों की आवश्यकता है।

ऑनलाइन गेमिंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता

इस पूरे मामले ने यह साबित किया है कि ऑनलाइन गेमिंग एप्स का उपयोग न केवल मनोरंजन के साधन के रूप में हो रहा है, बल्कि इसे मनी लॉन्ड्रिंग, सट्टेबाजी, और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। FIEWIN एप जैसे एप्स का संचालन काफी हद तक संगठित अपराधों और अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्रों का हिस्सा हो सकता है, जो भारत की आर्थिक स्थिरता को कमजोर करने की दिशा में काम कर रहे हैं।

भारत सरकार और प्रवर्तन निदेशालय जैसे एजेंसियों को इस तरह के मामलों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी, ताकि देश की डिजिटल और आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, ऑनलाइन गेमिंग के नियमन के लिए कड़े कानून बनाने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की धोखाधड़ी और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।

FIEWIN गेमिंग एप के खिलाफ ED की कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है, जो यह दर्शाता है कि भारत में ऑनलाइन गेमिंग धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस घटना ने देश की सुरक्षा एजेंसियों के सामने कई नए चैलेंजेज खड़े किए हैं, खासकर डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी आधारित मनी लॉन्ड्रिंग के बढ़ते मामलों को लेकर। ED की यह कार्रवाई न केवल मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ एक सख्त संदेश है, बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि भारत अपनी आर्थिक और डिजिटल सुरक्षा के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।

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