Dharmendra Pradhan | Board Exam : स्कूली शिक्षा के मद्देनजर आगामी दो साल काफी अहम रहने वाले हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के लिए अभी तक कई महत्वपूर्ण पहल की गई हैं। इसी क्रम में अब स्कूली शिक्षा के लिए तैयार नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के आधार पर बोर्ड एग्जाम के पैटर्न में बदलाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बोर्ड परीक्षाओं के तनाव को कम करने हेतु यह प्रयोग शैक्षणिक सत्र 2025-26 से शुरू हो सकता है। स्कूली शिक्षा में नई सोच और बहुविषयक प्रणाली को लाया जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया है कि साल में दो बार बोर्ड परीक्षाएं होंगी। उन्होंने कहा कि नए सत्र 2024 में छह कक्षाओं के लिए नई किताबें आएंगी। क्रेडिट फ्रेमवर्क को भी स्कूली शिक्षा में लाया जा रहा है।
नए NCERT सिलेबस और किताबें हो रहे हैं तैयार
केंद्रीय शिक्षा मंत्री के अनुसार, नए फ्रेमवर्क के आधार पर अब NCERT सिलेबस और किताबें तैयार किए जा रहे हैं। 3-8 साल तक के बच्चों (फाउंडेशनल स्टेज) को खेल- खेल में पढ़ाने के लिए भी कदम उठाया गया है। नए सत्र 2024 से कक्षा 3, 4, 5, 6, 9 और 11 के लिए नई किताबें आएंगी। 2025 में कक्षा 7, 10 और 12वीं की नई किताबें आएंगी। 2026-27 के सत्र में 8वीं की नई किताबें आएंगी। अप्रैल 2025 तक बाल वाटिका से लेकर 12वीं तक की नई किताबें आएंगी। बता दें कि नई शिक्षा नीति में 10+2 के स्थान पर 5+3+3+4 का प्रावधान है।
साल में दो बार बोर्ड के एग्जाम होंगे
बता दें कि इससे पहले अक्टूबर में भी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा था कि साल में दो बार बोर्ड के एग्जाम होंगे। हालांकि, उन्होनें स्टूडेंट्स के लिए एक राहत की खबर दी थी। उन्होनें कहा था कि बोर्ड एग्जाम साल में दो बार जरूर होंगे लेकिन स्टूडेंट्स खुद ये तय करेंगे कि उन्हें बोर्ड एग्जाम एक बार देना है या दो बार। उन्होंने कहा था कि ये व्यवस्था बच्चों की सुविधा के लिए लागू की गई है। यदि कोई स्टूडेंट दोनों बार एग्जाम देता है तो दोनों एग्जाम में से उसका बेस्ट रिजल्ट ही लिया जाएगा। इस हिसाब से स्टूडेंट्स को एग्जाम देने के लिए एक ही साल में दो मौके मिलेंगे।
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