Delhi New CM: दिल्ली को अपना नया मुख्यमंत्री आखिरकार रिजल्ट के 12 दिन के बाद मिल गया है। भारतीय जनता पार्टी की महिला नेता रेखा गुप्ता गुरुवार (20 फरवरी, 2025) को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ ग्रहण करेगी। 27 साल के बाद रेखा गुप्ता बीजेपी की दूसरी और दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले शीला दीक्षित, सुषमा स्वराज और अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री रह चुकी आतिशी सिंह इस पद को संभाल चुकी हैं।
रेखा गुप्ता का राजनीतिक सफर
मुख्यमंत्री बनने से पहले रेखा गुप्ता बीजेपी पार्टी में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां को संभाल चुकी हैं। वह भारतीय जनता पार्टी की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुकी हैं और दिल्ली भाजपा में महासचिव के पद पर भी काम कर चुकी हैं।
रेखा गुप्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़ी रही हैं और संघ के विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही हैं। संगठन के स्तर पर उनकी पकड़ काफी मजबूत रही है, जिसका फायदा उन्हें विधानसभा चुनावों में भी मिला।
विधानसभा चुनावों में हार और जीत का सफर
रेखा गुप्ता ने 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में शालीमार बाग सीट से अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2015 में वह 11 हजार वोटों से और 2020 में साढ़े चार हजार वोटों से पराजित हुईं।
हालांकि, 2022 के नगर निगम चुनावों में उन्होंने शालीमार बाग-बी वार्ड से जीत दर्ज कर अपनी राजनीतिक पकड़ को मजबूत किया। 2025 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने फिर से शालीमार बाग से जीत हासिल की और अब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रही हैं।
मुख्यमंत्री पद के लिए कड़ी टक्कर
दिल्ली में मुख्यमंत्री पद के लिए लगभग 11 दावेदार थे। भाजपा ने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को हराया, जिससे पार्टी के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए कई नाम चर्चा में थे।
सबसे बड़े दावेदारों में नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा का नाम था। इसके अलावा, विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में था। लेकिन अंततः भाजपा नेतृत्व ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना।
दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव
रेखा गुप्ता दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री नहीं हैं, लेकिन वह इस पद तक पहुंचने वाली चौथी महिला नेता हैं। इससे पहले शीला दीक्षित ने सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद संभाला था। सुषमा स्वराज भी कुछ समय के लिए इस पद पर रहीं। अब रेखा गुप्ता ने दिल्ली की राजनीति में नया इतिहास रच दिया है।
रेखा गुप्ता के सामने चुनौतियां
मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता के सामने कई बड़ी चुनौतियां होंगी। दिल्ली में बुनियादी सुविधाओं को सुधारना, प्रदूषण की समस्या से निपटना और बिजली-पानी की समस्याओं का समाधान करना उनके प्रमुख एजेंडे में होगा।
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इसके अलावा, आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का भविष्य भी सवालों के घेरे में रहेगा। भाजपा ने इस चुनाव में दिल्ली के विकास को मुख्य मुद्दा बनाया था, इसलिए लोगों की अपेक्षाएं रेखा गुप्ता से काफी ज्यादा होंगी।
रेखा गुप्ता का मुख्यमंत्री बनना दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। उनके पास संगठन का अच्छा अनुभव है और वह जमीनी स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ी रही हैं। अब देखना होगा कि वह अपनी नई जिम्मेदारी को कैसे निभाती हैं और दिल्ली के विकास के लिए कौन-कौन से नए कदम उठाती हैं।