Delhi CM Name: दिल्ली में नए मुख्यमंत्री के नाम पर चल रहा सस्पेंस 19 फरवरी को खत्म हो जाएगा। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विधायक दल की बैठक में यह तय कर लिया जाएगा कि राजधानी का ताज किसके सिर सजेगा। इसके बाद 20 फरवरी को रामलीला मैदान में मुख्यमंत्री का भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली का मुख्यमंत्री तय करने की प्रक्रिया पर दिलचस्प चर्चा हो रही है। आमतौर पर शादी में पहले दूल्हा तय किया जाता है, फिर शादी की तैयारियां होती हैं। लेकिन दिल्ली में यह प्रक्रिया उल्टी चल रही है। पहले शपथ ग्रहण का स्थान तय किया गया, फिर समारोह की तैयारियां शुरू हुईं, और अब मुख्यमंत्री के नाम का इंतजार किया जा रहा है।
रामलीला मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह
20 फरवरी को शाम 4:30 बजे रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। इस अवसर के लिए तीन भव्य मंच बनाए जा रहे हैं। इस समारोह में 20 राज्यों के मुख्यमंत्रियों, उद्योगपतियों, फिल्मी सितारों और संतों को आमंत्रित किया गया है। आम जनता के लिए 20,000 कुर्सियां लगाई जा रही हैं।
लेकिन दिल्लीवासियों के लिए असली सवाल यह है कि उनका अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? बीते 10 दिनों में 15 नाम चर्चा में आ चुके हैं। अब अंतिम घंटों में दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं—विजेंद्र गुप्ता और रेखा गुप्ता।
विजेंद्र गुप्ता क्यों हो सकते हैं पसंद?
- विजेंद्र गुप्ता रोहिणी से लगातार तीसरी बार विधायक चुने गए हैं।
- 2015 और 2020 में आम आदमी पार्टी (AAP) की लहर के बावजूद उन्होंने जीत दर्ज की।
- 2015 से 2020 तक वे दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
- वे दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
रेखा गुप्ता की ताकत क्या है?
- रेखा गुप्ता पहली बार शालीमार बाग से विधायक बनी हैं।
- 2015 से चुनाव लड़ रही थीं, 2025 में पहली बार जीती हैं।
- वे दो बार पार्षद रह चुकी हैं और आरएसएस की सक्रिय सदस्य हैं।
- दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष और सचिव भी रह चुकी हैं।
विजेंद्र गुप्ता का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट यह है कि उन्होंने बीजेपी के सबसे बुरे दौर में भी पार्टी का झंडा बुलंद रखा। वहीं, रेखा गुप्ता के पक्ष में यह तर्क दिया जा रहा है कि इस बार महिलाओं ने बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट दिया है और महिला मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी इस रुझान को और मजबूत करना चाहती है।
क्या कोई और नाम आ सकता है आगे?
बीजेपी अक्सर अंतिम समय में चौंकाने वाले फैसले लेती रही है। इसलिए अब दो और नाम चर्चा में आ गए हैं—राजकुमार भाटिया और अजय महावर।
राजकुमार भाटिया कौन हैं?
- वे आदर्श नगर से पहली बार विधायक बने हैं।
- वे दिल्ली बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं और एमसीडी में मनोनीत पार्षद भी रह चुके हैं।
अजय महावर कितने मजबूत दावेदार हैं?
- अजय महावर घोंडा सीट से लगातार दूसरी बार बड़े अंतर से जीते हैं।
- वे पिछली विधानसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप थे।
बीजेपी ने इससे पहले भी पहली बार चुनाव जीतने वाले विधायकों को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंकाया है। ऐसे में यह असंभव नहीं कि दिल्ली में भी ऐसा ही हो। लेकिन यह तय माना जा रहा है कि पार्टी किसी सांसद को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपेगी। बीजेपी नहीं चाहती कि वह अरविंद केजरीवाल एंड टीम के इस नैरेटिव को सही साबित करे कि 48 विधायकों में से कोई भी मुख्यमंत्री बनने के लायक नहीं है।
आम आदमी पार्टी में भी सस्पेंस बरकरार
जहां बीजेपी में मुख्यमंत्री तय करने की प्रक्रिया लंबी खिंच रही है, वहीं आम आदमी पार्टी (AAP) भी यह तय नहीं कर पा रही है कि उसका नेता प्रतिपक्ष कौन होगा। आतिशी का नाम इस पद के लिए सबसे आगे था, लेकिन पार्टी की बैठक के बाद भी कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया गया। ऐसे में यह भी देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष में कौन रहेगा।
दिल्ली में अगले मुख्यमंत्री के नाम पर 19 फरवरी को सेहरा बंध जाएगा, लेकिन अभी तक बीजेपी के अंदर मंथन जारी है। अब देखना होगा कि आखिर पार्टी किसे दिल्ली की कमान सौंपती है।