Daler Mehndi: पंजाबी पॉप सिंगर दलेर मेहंदी आज के समय में किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। दलेर मेहंदी के गाने लोगों को बेहद पसंद आते हैं। ऐसा शायद ही कोई पंजाबी संगीतप्रेमी हो जो दलेर मेहंदी के गानों पर थिरका ना हो। दलेर मेहंदी तुनक तुनक तुन, बोलो ता रा रा और हो जायेगी बल्ले बल्ले जैसी धुनों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने संघर्ष से और लगन से अपना नाम कमाया है।
हाल ही में हुए इंटरव्यू में उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को साझा करते ये कहकर सबको चौंका दिया कि एक समय उन्हें भारत वापस आने के लिए मना किया गया था।
दलेर मेहंदी ने किया अपने संघर्ष के दिनों को याद
आपको बता दें कि दलेर मेहंदी किसी जमाने में विदेश में टैक्सी चलाया करते थे। गाने के लिए अपनी ललक और दुनिया में नाम बनाने का सपना लेकर दलेर मेहंदी भारत आना चाहते थे। उन्होंने कहा, “मैं अमेरिका में अपने भाइयों के साथ वर्क वीजा पर रहता था। हम कुछ समय बाद एक लिकर शॉप या पेट्रोल पंप खरीदना चाहते थे। लेकिन मुझे कुछ और करना था।
मैं अपना नाम बनाना चाहता था। ग्रीन कार्ड मिलने के एक महीना पहले ही मैंने भारत वापसी के लिए टिकट बुक करा ली।” दलेर मेहंदी ने किस्सा साझा करते हुए कहा, “मैं एक बार इवेंट पर परफॉर्म कर रहा था। वहां दारा सिंह और कबीर बेदी भी पहुंचे। मेरा गाना खत्म होने पर सबने मेरी बहुत प्रशंसा की, लेकिन दारा सिंह जी मुझसे मिलने आए और मैंने उन्हे भारत वापसी की बात बताई।
तब भारत में सिख दंगे हुए थे। दारा सिंह ने मुझे भारत आने से मना किया।” उन्होंने कहा था,”तुम्हें अगर अपना करियर बनाना है वो तुम यहां भी कर सकते हो। इसके लिए तुम्हे भारत जाने की जरूरत नहीं है।”
भारत लौटने के लिए कहते थे लोग
मेहंदी ने कहा, “तब बहुत सारे लोगों ने मुझसे भारत न लौटने के लिए कहा। तब 1984 के सिख दंगे हुए थे और ये 1986 की बात है। मेरा मजाक उड़ाया गया। मुझे कहने लगे कि हां, वहां बप्पी लहरी और आर डी बर्मन तुम्हारे ही इंतजार में बैठे हैं। तुम्हारे सिवा कोई गाने वाला ही नहीं है।” दलेर मेहंदी ने कहा, “एक महीने में मेरा ग्रीन कार्ड आने वाला था। मुझे लगा मैं यहां फंस जाऊंगा।
जो करना है वो कभी नहीं कर पाऊंगा। मैंने चुपचाप अपना टिकट निकाला और भारत वापस आ गया।” दलेर मेहंदी ने फिर पीछे मुड़ के नहीं देखा और संगीत की दुनिया में अपने गानों से खलबली मचा दी।