केजरीवाल के दावे को कांग्रेस ने बताया खोखला
दिल्ली कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार को फिर डीटीसी बसों के मुद्दे पर घेरा हैं। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा 50 सीएनजी बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करना लोगों गुमराह करने वाला है। उन्होंने कहा कि एक वर्ष पहले 1000 बसों को लाने का दावा करने में विफल होने के बाद केजरीवाल प्राईवेट कांट्रेक्टरों की बसों को दिल्ली की परिवहन निगम की बताकर लोगों की आंखों में धूल झौकने का काम कर रहे है। जबकि वास्तविकता में डीटीसी की अधिकतर बसें 12 वर्ष पुरानी होकर 7.50 लाख किलोमीटर की क्षमता पूरी करने के बाद भी दिल्ली की सड़कों पर चल रही है। चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि ये बसें खतरनाक साबित हो सकती हैं।
केजरीवाल के दावे को बताया खोखला
चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि चुनावी घोषणा पत्र के अलावा केजरीवाल डीटीसी बेड़े में बसें जोड़ने के बड़े-बड़े दावें करने के साथ आज फिर एक नया दावा कि 80 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों के साथ 10 हजार बसें दिल्ली की जनता की सेवा में होंगी पूरी। कांग्रेस नेता ने कहा कि सीएम का ये दावा पूरी तरह से खोखला साबित होगा क्योंकि दिल्ली सरकार के पास बसें खरीदने के लिए फंड ही नही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल सरकारी फंड को पार्टी प्रचार पर खर्च कर रहे है।
केजरीवाल पर बरसी कांग्रेस
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने आगे कहा कि वर्ष 2022 तक सीएम केजरीवाल ने दिल्ली सरकार को 38155 करोड़ के कर्ज में डूबो दिया है और दिल्ली सरकार कभी भी दिवालिया घोषित हो सकती है। अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में सुगम परिवहन व्यवस्था के लिए लगभग 11000 बसों की जरुरत है। जबकि वर्तमान में डीटीसी और प्राईवेट कलस्टर बसें मिलाकर कुल 7420 बसें दिल्ली की सड़कों पर चल रही है, जिनमें 4000 बसें प्राईवेट है बाकी डीटीसी की बसों में अधिकतर बसें एक्सपाईरी के बाद सड़कों पर चल रही हैं। चौधरी अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार में भ्रष्टाचार और अक्षमता के कारण डीटीसी का बेड़ा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है जिसका झूठा प्रचार करके केजरीवाल खोखली वाहवाही लूटने का प्रयास कर रहे है।
घोटाले का आरोप
उन्होंने कहा कि केजरीवाल की प्राथमिकता सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुधारना नहीं, बल्कि शराब को हर दरवाजे पर पहुंचाकर दिल्ली को नशे की राजधानी बनाने का है। कांग्रेस नेता ने कहा कि एक वर्ष पहले 1000 लो-फ्लोर बसों की खरीद से पहले ही 4288 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ, जिसे दिल्ली कांग्रेस ने उजागर किया। उन्होंने कहा कि प्रति बस की कीमत 85.5 लाख तय होने के बावजूद टेंडर रद्द करके 20 करोड़ के बढ़ोत्तरी के साथ 87.5 लाख में 1000 बसें खरीदना तय होने के बावजूद केजरीवाल सरकार ने 3413 करोड़ का मेंटेनेन्स टेंडर निकाला गया। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में हुए 4288 करोड़ के भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच कर रही है।