Thursday, March 20, 2025
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CM swearing-in ceremony: भाजपा की ऐतिहासिक जीत के साथ शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू, बीजेपी ने एक बार फिर बदला शपथ ग्रहण का समय

CM swearing-in ceremony: दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है। 27 साल बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा में शानदार जीत दर्ज की है और सत्ता में वापसी की है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब राजधानी में नई सरकार के गठन की तैयारियां जोरों पर हैं। आगामी 20 फरवरी को दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। हालांकि, अभी यह तय नहीं हुआ है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। लेकिन राजनीतिक हलकों में कई नामों पर चर्चा जोरों पर है।

शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर

दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाले इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता इस समारोह में शामिल होंगे। पहले शपथ ग्रहण का समय शाम 4:30 बजे निर्धारित किया गया था, लेकिन अब इसे बदलकर सुबह 11 बजे कर दिया गया है। भाजपा अपने बड़े कार्यक्रमों के लिए शुभ मुहूर्त का खासा ध्यान रखती है, ऐसे में माना जा रहा है कि मुहूर्त को ध्यान में रखते हुए ही यह बदलाव किया गया है।

इस समारोह को विशेष बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है। प्रख्यात गायक कैलाश खेर की प्रस्तुति इस समारोह की खास आकर्षण होगी। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोपहर 12 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने की संभावना है। उनके संबोधन के बाद मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के सदस्य शपथ लेंगे।

भव्य आयोजन की तैयारियां शुरू

शपथ ग्रहण समारोह को लेकर राजधानी में व्यापक स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं। कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। पूरे आयोजन स्थल को सजाया जा रहा है और वहां टेंट, कुर्सियों, मंच और अन्य व्यवस्थाओं पर काम तेजी से हो रहा है। नगर निगम और अन्य सरकारी एजेंसियां सफाई और अन्य जरूरी व्यवस्थाओं का जायजा ले रही हैं।

CM swearing-in ceremony
CM swearing-in ceremony

इस कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए जाएंगे, ताकि दूर-दराज से आने वाले लोग भी समारोह का आनंद ले सकें। इसके अलावा, भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में इसमें भाग लेंगे।

भाजपा की ऐतिहासिक जीत: 27 साल बाद सत्ता में वापसी

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों के लिए 5 फरवरी को मतदान हुआ था और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए गए थे। इन नतीजों में भाजपा ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए 70 में से 48 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि आम आदमी पार्टी (आप) सिर्फ 22 सीटों पर सिमट गई। कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई।

भाजपा की यह जीत बेहद खास है, क्योंकि पार्टी ने 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। इससे पहले 1998 में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस सत्ता में आई थी और उसके बाद भाजपा लगातार हार का सामना कर रही थी। लेकिन इस बार जनता ने भाजपा को स्पष्ट बहुमत देकर सत्ता सौंप दी।

मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें जारी

भाजपा की शानदार जीत के बावजूद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा? 19 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का चयन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों की चर्चा हो रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का नाम सबसे आगे चल रहा है, वहीं कुछ अन्य दिग्गज नेताओं को भी इस दौड़ में शामिल माना जा रहा है। इसके अलावा, भाजपा हाईकमान का भी इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका होगी और अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिया जाएगा।

जनता की उम्मीदें और नई सरकार की चुनौतियां

भाजपा की जीत से दिल्ली के मतदाताओं में उत्साह है, लेकिन नई सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां भी होंगी। दिल्ली में प्रदूषण, जल संकट, ट्रैफिक, अवैध निर्माण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी समस्याएं काफी गंभीर हैं। भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान कई वादे किए थे, जिन पर जनता की नजरें टिकी हुई हैं।

नई सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वह बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाएगी, साथ ही दिल्ली की कानून व्यवस्था को भी मजबूत करेगी। इसके अलावा, केंद्र और राज्य सरकार के बीच बेहतर तालमेल सुनिश्चित करने की भी जरूरत होगी, ताकि विकास कार्यों में किसी तरह की अड़चन न आए।

भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता में उत्साह

भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। पार्टी कार्यालयों में जश्न का माहौल है और जगह-जगह विजय जुलूस निकाले जा रहे हैं। इस जीत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष की रणनीति की सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

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दिल्ली के मतदाताओं ने इस बार विकास और स्थिरता को ध्यान में रखते हुए भाजपा को सत्ता सौंपी है। अब सभी की नजरें 20 फरवरी के शपथ ग्रहण समारोह और नई सरकार की नीतियों पर टिकी हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में भाजपा ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है और अब 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह की भव्य तैयारियां की जा रही हैं। मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है, लेकिन जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। जनता की अपेक्षाएं काफी ऊंची हैं और भाजपा सरकार के सामने कई महत्वपूर्ण चुनौतियां भी हैं। अब देखना होगा कि नई सरकार किस तरह दिल्ली को एक नई दिशा देने में सफल होती है।

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