Monday, March 17, 2025
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Chief Election Commissioner: भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की दौड़ में ज्ञानेश कुमार का नाम सबसे आगे

Chief Election Commissioner: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार 18 फरवरी 2024 को सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं। उनके उत्तराधिकारी के चयन को लेकर 17 फरवरी को एक अहम बैठक बुलाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस चयन समिति का हिस्सा होंगे। सूत्रों के अनुसार, अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में ज्ञानेश कुमार का नाम सबसे आगे चल रहा है। हालांकि, सुखबीर सिंह संधू भी इस दौड़ में शामिल हैं।

 

चयन प्रक्रिया

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति के लिए एक चयन प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस बार चयन समिति को 480 से अधिक योग्य अधिकारियों में से पांच नामों का चयन करना था। समिति इन नामों को अंतिम मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजेगी। हालाँकि, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली चयन समिति के पास यह अधिकार है कि वह इन नामों से अलग भी किसी योग्य व्यक्ति का चयन कर सकती है।

भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन की यह प्रक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाती है क्योंकि आगामी आम चुनावों को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संचालित करने की ज़िम्मेदारी नए सीईसी पर होगी।

Ex Co-op Secretary Gyanesh Kumar appointed as EC

कौन हैं ज्ञानेश कुमार?

ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं और केरल कैडर से आते हैं। वर्तमान में वे चुनाव आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं। वे 31 जनवरी 2024 को सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। इस मंत्रालय का कार्यभार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अधीन आता है।

उनका प्रशासनिक अनुभव काफी व्यापक है। अगस्त 2019 में जब अनुच्छेद 370 को हटाने का निर्णय लिया गया था, तब वे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर डिवीजन) के रूप में कार्यरत थे। इस संवेदनशील कार्य में उनकी भूमिका अहम रही। इसके अलावा, उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय में भी सचिव के रूप में कार्य किया है।

साल 2020 में उन्हें गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव नियुक्त किया गया था। उन्होंने अयोध्या मामले से संबंधित कानूनी और प्रशासनिक कार्यों की निगरानी की, जिसमें श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन भी शामिल था।

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क्यों हैं सबसे मजबूत दावेदार?

ज्ञानेश कुमार की वरिष्ठता और प्रशासनिक अनुभव उन्हें इस पद के लिए सबसे मजबूत उम्मीदवार बनाता है। वे चुनाव आयोग में पहले से ही एक आयुक्त के रूप में कार्यरत हैं, जिससे उन्हें चुनावी प्रक्रिया की गहरी समझ है। इसके अलावा, सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों में उनकी भूमिका और विश्वसनीयता को देखते हुए उनका चयन लगभग तय माना जा रहा है।

हालाँकि, सुखबीर सिंह संधू भी एक अनुभवी अधिकारी हैं और वे भी 1988 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। लेकिन वरिष्ठता के आधार पर ज्ञानेश कुमार का दावा अधिक मजबूत माना जा रहा है।

मुख्य चुनाव आयुक्त की ज़िम्मेदारियाँ

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त का पद बेहद महत्वपूर्ण होता है। लोकतंत्र की नींव को मज़बूत बनाए रखने और चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए यह पदधारी जिम्मेदार होता है। चुनाव आयोग भारत में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली सर्वोच्च संस्था है, जिसके अंतर्गत लोकसभा, विधानसभा और राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति के चुनाव आते हैं।

आगामी आम चुनाव 2024 को देखते हुए नए सीईसी के सामने कई चुनौतियाँ होंगी, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  1. चुनावी पारदर्शिता बनाए रखना – चुनावी प्रक्रिया को स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना।
  2. फर्जी मतदान और धांधली को रोकना – ईवीएम (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) की विश्वसनीयता सुनिश्चित करना।
  3. चुनाव में धन और बाहुबल के प्रभाव को रोकना – चुनावी वित्तपोषण की निगरानी करना और काले धन के उपयोग को रोकना।
  4. डिजिटल और सोशल मीडिया का प्रभाव – फेक न्यूज, भ्रामक प्रचार और आचार संहिता के उल्लंघन पर नियंत्रण रखना।
  5. मतदान प्रतिशत बढ़ाना – लोगों को मतदान के लिए जागरूक करना और अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करना।

क्या ज्ञानेश कुमार होंगे अगले सीईसी?

हालाँकि, अभी तक अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए ज्ञानेश कुमार का मुख्य चुनाव आयुक्त बनना लगभग तय माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल और विपक्ष के नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में 17 फरवरी को होने वाली बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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अगर ज्ञानेश कुमार का नाम चयनित होता है, तो उनके लिए यह एक बड़ी जिम्मेदारी होगी। उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि भारत का लोकतांत्रिक ढांचा मज़बूत रहे और आगामी चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न हों।

भारत में चुनाव आयोग की भूमिका लोकतंत्र की रीढ़ मानी जाती है। ऐसे में मुख्य चुनाव आयुक्त का चयन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। ज्ञानेश कुमार का अनुभव और प्रशासनिक दक्षता उन्हें इस पद के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार बनाती है। अब देखना होगा कि 17 फरवरी को होने वाली बैठक में क्या निर्णय लिया जाता है और क्या वे भारत के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त बनते हैं या नहीं।

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