Central Board of Secondary Education: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने संबद्धता नियमों के उल्लंघन पर सख्त रुख अपनाते हुए देशभर के 29 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। 18 और 19 दिसंबर 2024 को किए गए औचक निरीक्षण के बाद इन स्कूलों में कई गंभीर खामियां पाई गईं। इन खामियों में नामांकन में अनियमितता और शैक्षणिक-अवसंरचनात्मक मानकों का पालन न करना शामिल है। अब इन स्कूलों को अपनी सफाई देने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है।
निरीक्षण के प्रमुख बिंदु
सीबीएसई द्वारा जारी आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह निरीक्षण दिल्ली, बेंगलुरु (कर्नाटक), पटना (बिहार), बिलासपुर (छत्तीसगढ़), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), और अहमदाबाद (गुजरात) के 29 स्कूलों में किया गया। निरीक्षण के दौरान कई गंभीर उल्लंघन सामने आए, जिनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:
- नामांकन में गड़बड़ी: कुछ स्कूलों में छात्रों की वास्तविक उपस्थिति की तुलना में अधिक नामांकन दर्ज किए गए।
- शैक्षणिक मानकों का उल्लंघन: स्कूलों में पाठ्यक्रम और शिक्षण गुणवत्ता में सीबीएसई के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
- अवसंरचनात्मक खामियां: स्कूल भवन, सुरक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं में कमी पाई गई।
कौन-कौन से स्कूल शामिल हैं?
इन 29 स्कूलों में दिल्ली के होप हॉल फाउंडेशन स्कूल, ऑक्सफोर्ड स्कूल, और सेंट्रल एकेडमी इंटरनेशनल स्कूल, बेंगलुरु के श्री अकादमी टेक्नो स्कूल, वाराणसी के सेंट कैथी मेमोरियल इंग्लिश स्कूल, पटना के सत्य इंटरनेशनल, और बिलासपुर के आदर्श मेडिकल अकादमी जैसे प्रमुख स्कूल शामिल हैं।
सीबीएसई का कड़ा रुख
सीबीएसई ने इन उल्लंघनों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित स्कूलों को निरीक्षण रिपोर्ट की प्रति प्रदान की है। इन स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे 30 दिनों के भीतर अपनी सफाई पेश करें। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि स्कूल तय समयसीमा के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं देते, तो उनकी मान्यता रद्द करने सहित सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी हुई कार्रवाई
यह पहली बार नहीं है जब सीबीएसई ने संबद्धता नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई की है।
- सितंबर 2024: राजस्थान और दिल्ली के 27 स्कूलों को उपनियमों के उल्लंघन पर नोटिस जारी किया गया।
- नवंबर 2024: 34 स्कूलों को खेल आयोजनों के नियमों का उल्लंघन करने पर चेतावनी दी गई।
आगे की प्रक्रिया
सीबीएसई ने कहा है कि इस कार्रवाई का उद्देश्य छात्रों के हितों की रक्षा करना और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। यदि स्कूल संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं, तो बोर्ड उनकी मान्यता रद्द कर सकता है या अन्य उपयुक्त कदम उठा सकता है।
शिक्षा में सुधार के लिए प्रतिबद्धता
सीबीएसई का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह सुनिश्चित करना कि देशभर के स्कूल शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे के मानकों का पालन करें, बोर्ड की सर्वोच्च प्राथमिकता है। छात्रों और अभिभावकों को यह भरोसा दिलाने के लिए कि उनकी शिक्षा का स्तर उच्चतम रहेगा, सीबीएसई अपनी निगरानी प्रक्रिया को और सुदृढ़ बना रहा है।
इस तरह की सख्ती से शिक्षा जगत में सुधार की उम्मीद की जा रही है। सभी स्कूलों को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि वे सीबीएसई के नियमों और मानकों का पालन करें ताकि छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।