Friday, November 22, 2024
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Budh Pradosh Vrat 2023 : बुध प्रदोष व्रत आज, जानिए शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त

Budh Pradesh Vrat 2023 : हर माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता हैं। जब कभी भी यह व्रत बुधवार के दिन पड़ता है तो इसे बुध प्रदोष व्रत नाम से जाना जाता है। इस साल बुध प्रदोष का व्रत (Budh Pradosh Vrat 2023) 3 मई 2023 को रखा जाएगा। इस दिन शिव जी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती हैं। धार्मिक मान्यताओंं के अनुसार, प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति की सभी परेशानियां खत्म होती हैं। साथ ही उसके जीवन में शांति और समृद्धि का आगमन होता है।

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शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 2 मई की देर रात 11 बजकर 17  मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 3 मई 2023 को होगा। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर त्रयोदशी का बुध प्रदोष व्रत (Budh Pradosh Vrat 2023) आज यानी 3 मई 2023 को रखा जाएगा। वहीं, शिव जी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 मिनट से रात्रि 08 बजकर 56 मिनट तक है। इसके अलावा शिव जी की आराधना रवि योग में करनी भी शुभ होती हैं। जो इस बार इसी दिन रात 08 बजकर 56 मिनट से लेकर अगले दिन प्रात: काल 05 बजकर 38 मिनट तक है।

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

  • बुध प्रदोष के दिन (Budh Pradosh Vrat 2023) प्रात: काल उठकर स्नान आदि करें।
  • फिर पूजा घर की गंगाजल से सफाई करें।
  • उसके बाद एक चौकी पर भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
  • इसके बाद भोलेनाथ की पूजा आरंभ करें। इस दौरान “ऊँ नम: शिवाय” मंत्र का जप करें।
  • फिर व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन केवल फलाहार का सेवन करें।
  • शाम को पुन: प्रदोष काल में शिव जी की विधिपूर्वक पूजा करें।

प्रदोष व्रत के दिन करें इन मंत्रों का जाप

  • शिव जी की पूजा के दौरान ‘ॐ नमः शिवाय‘ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। इससे मन और मस्तिष्क शांत होगा। साथ ही मनुष्य को भगवान शिव का आशीर्वाद मिलेगा।
  • प्रदोष काल (Budh Pradosh Vrat 2023) में शिव जी का अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र ‘ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।‘ का जाप करें। इससे व्यक्ति के मन में जो अकाल मृत्यु का भय होता है वो दूर हो जाता हैं।

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