Sunday, September 8, 2024
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Breast cancer symptoms and treatment : क्यों होता है स्तन कैंसर और क्या है इसका इलाज

Breast cancer symptoms and treatment :  बॉलीवुड और टीवी एक्ट्रेस हिना खान इन दिनों ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही है। इस बात की जानकारी खुद अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये दी है. हिना ने बताया है कि वो कैंसर की तीसरी स्टेज पर हैं। हिना ने साथ ही अपने पोस्ट में जानकारी दी कि वो इससे ठीक होने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं और मजबूती से डटी हैं। उन्होंने बताया कि उनका उपचार चल रहा है।

Breast cancer symptoms and tratment

बात अगर ब्रेस्ट कैंसर यानि कि स्तन कैंसर की करें तो स्तन कैंसर, महिलाओं में रिपोर्ट किए जाने वाले सबसे आम कैंसर में से एक है। भारत में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है, जो महिलाओं में होने वाले सभी प्रकार के कैंसर का लगभग 28.2% है। हर साल दुनियाभर में इस कैंसर के कारण लाखों महिलाओं की मौत भी हो जाती है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, स्तन कैंसर महिलाओं को होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है। ब्रेस्ट कैंसर हर साल दुनियाभर में करीब 2.1 मिलियन महिलाओं को प्रभावित करता है।

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स्तर कैंसर क्या होता है?

ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी स्थिति है जब कुछ जीनों में परिवर्तन के कारण महिलाओं में स्तन कोशिकाएं विभाजित होती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने और फैलने लगती हैं। आमतौर पर स्तन के दूध उत्पादक ग्रंथियों (लोब्यूल) या पथ (नलिकाओं) में कैंसर बनता है, जो ग्रंथियों से निप्पल तक दूध पहुंचाता है। कुछ मामलों में कैंसर कोशिकाएं महिलाओं की बाहों के नीचे लिम्फ नोड्स तक पहुंच सकती हैं और शरीर के विभिन्न हिस्सों में फैल सकती हैं।

Breast Cancer Prevention in Hindi: ब्रेस्ट कैंसर: जरूरी है जानकारी और जागरुकता

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार |Breast cancer symptoms and treatment

स्तन कैंसर के दो प्रकार होते हैं:
इन्वेसिव (तेजी से फैलने वाला) और
नॉन-इन्वेसिव (धीरे धीरे फैलने वाला)

स्तन कैंसर होने के लक्षण 

इस कैंसर का सबसे आम संकेत गांठ होता है। लेकिन यह भी ध्यान रखें कि हर गांठ का मतलब कैंसर नहीं होता है। शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर एसिम्पटोमेटिक यानि कि लक्षणहीन हो सकता है।

स्तन में कठोर ‘गांठ’ महसूस होना।
निप्पल से गंदे खून जैसा तरल पदार्थ निकलना
स्तन के आकार में परिवर्तन होना
अंडरआर्म में गांठ या सूजन आना
निप्पल का लाल होना, आदि।

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ब्रेस्ट कैंसर कितने स्टेज का होता है ? |Breast cancer symptoms and treatment|

स्तन कैंसर को चरण 0, IA, IB, IIA, IIB, IIIA, IIIB, IIIC और चरण IV में वर्गीकृत किया गया है। हर एक चरण कैंसर के फैलाव को दर्शाता है, जहां अंतिम चरण मेटास्टेसिस को शरीर के अन्य भागों में दर्शाता है।

शून्य श्रेणी: दूध बनाने वाली कोशिकाओं में बना कैंसर सीमित रहता है और शरीर के दूसरे हिस्सों तक नहीं जाता ।

पहली श्रेणी: कैंसर वाली कोशिकाएं धीरे-धीरे बढ़ने लगती हैं और यह शरीर की बाकी हेल्दी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाना शुरु कर देती हैं। यह स्तन में मौजूद वसा वाली कोशिकाओं तक भी फैल सकते हैं।

दूसरी श्रेणी: कैंसर इस श्रेणी में आकर बहुत तेजी से बढ़ना शुरु हो जाता है और शरीर के बाकि भागों में भी फैल जाता है और पूरे शरीर पर पकड़ बना लेता है।
तीसरी श्रेणी: इस श्रेणी में आने तक कैंसर मानव की हड्डियों में पहुंचकर उन्हें प्रभावित करना शुरु कर देता है। इसी के साथ कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका होता है, जो इसके इलाज को दुर्गम बनाता है।

चौथी श्रेणी: इस श्रेणी में आकर कैंसर लगभग लाइलाज हो जाता है क्योंकि चौथी श्रेणी में आते-आते कैंसर लिवर, फेफड़ों, हड्डियों और मस्तिष्क में भी पहुंच चुका होता है।

ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे होती है?

ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने के लिए कई तरह से जांच कर सकते हैं। इन जांचो में तीन जांच है जिनका उपयोग कर इस बीमारी के बारे में पता लगाया जाता है।

मैमोग्राम (Mammogram): यह एक इमेजिंग टेस्ट है। 40 से ऊपर की महिलाओं को स्तन कैंसर की आनुवांशिक प्रवृत्ति होने पर मैमोग्रामकराया जा सकता हैं
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): इस इमेजिंग परीक्षण से यह समझने में काफी आसानी मिलती है कि ब्रेस्ट में कैंसर है या नहीं।

बायोप्सी (Biopsy): इस परीक्षण में संदिग्ध क्षेत्र से सैंपल लेकर स्तन कैंसर का पता लगाने के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। इन नमूनों को सुई के साथ या चीरा के माध्यम से एकत्र किया जा सकता है।

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स्तन कैंसर के जोखिम कारक |Breast cancer symptoms and treatment|

मासिक धर्म में परिवर्तन
नशीले पदार्थों का सेवन
परिवार का इतिहास
BRCA1, BRCA2 और P53 जैसे जीनों में म्यूटेशन
लंबे समय तक अंतर्जात एस्ट्रोजेन के संपर्क में रहना
गर्भनिरोधक गोली

स्तन कैंसर का इलाज |Breast cancer symptoms and treatment|

ब्रेस्ट कैंसर का इलाज करने के भी कईं साधन हैं, जैसे कि दूसरे कैंसर केसों में प्रयोग होते हैं, जैसे – कीमोथेरेपी, रेडिएशन, सर्जरी आदि। विशेषज्ञ ये सलाह देते हैं कि स्तन में किसी भी प्रकार के बदलाव दिखने जैसे त्वचा और निप्पल पर धारियां, निशान या सूजन आदि आने पर महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए। हर महिला को खड़े होकर या फिर सीधा लेटकर अपने स्तनों परीक्षण करना चाहिए। आज इसी बीमारी को लेकर यहां जानकारी दी गई है।

Disclaimer – (इस आर्टिकल में बताई गई जानकारियां सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इस आर्टिकल में बताए गए सलाह और विचार को प्रयोग में लाने से पहले डॉक्टर या हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें . South Block Digital यहां दी गई जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है)

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