Aditi Rao Hydari: बॉलीवुड इंडस्ट्री की जानी मानी एक्ट्रेस अदिति राव हैदरी इन दिनों अपनी हालिया रिलीज वेब सीरीज ‘हीरामंडी द डायमंड बाजार’ को लेकर लगाता सुर्खियों में छाई हुई हैं। संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी इस सीरीज में अदिती के अलावा सोनाक्षी सिन्हा, मनीषा कोईराला, ऋचा चड्ढा, संजीदा शेक लीड रोल में नजर आ रही हैं।
वहीं अदिति इन दिनों अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर भी लगातार लाइमलाइट में छाई हुई हैं। बात दें कि एक्ट्रेस काफी लंबे समय से अभिनेता सिद्धार्थ को डेट कर रही हैं। बीते दिनों अदिति ने सिद्धार्थ के साथ अपनी सगाई का एलान किया। अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें दोनों इंगेजमेंट रिंग फ्लॉन्ट करते नजर आए। अब हाल ही में अदिति ने सिद्धार्थ के साथ अपने रिश्ते पर खुलकर बात की हैं।
अदिति ने सिद्धार्थ संग अपनी सगाई पर की खुलकर बात
आपको बता दें कि हाल ही में मीडिया इंटरव्यू के दौरान अदिति राव हैदरी ने अपनी सगाई के बारे में बात करते हुए कहा, ‘यह बहुत शानदार पल है। मैं खुद को खुशकिस्मत मान रही हूं’। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्यावत’ में भी अदिति राव हैदरी नजर आ चुकी हैं। अब ‘हीरामंडी’ में एक बार फिर भंसाली के साथ काम करने का उन्होंने अनुभव साझा किया।
अदिति ने कहा, ‘वे पर्दे पर बेहद सुंदर दुनिया बनाते हैं। अपने कलाकारों से भी वह शानदार काम कराने में आगे हैं। यही बात ‘हीरामंडी’ को इतना खास बनाती है। ‘हीरामंडी’ में बताने के लिए बहुत सारी कहानियां हैं और हर एक बहुत ही अलग महिला के बारे में है। संजय लीला भंसाली की यह खासियत है कि वे महिला किरदारों और उनकी कहानियों को काफी सम्मान देते हैं’।
अदिति राव ने कहा, ‘संजय लीला भंसाली मानते हैं कि हर महिला को रानी की तरह सम्मान दिया जाना चाहिए, फिर चाहें वह कहीं से हो। उनकी कहानी बहुत गरिमा, गर्व और साहस के साथ बताने लायक है। इसलिए, ‘हीरामंडी’ का हिस्सा बनना और संजय सर के साथ काम करना, उनसे सीखना अविश्वसनीय अनुभव रहा। मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं। मैं संजय सर की मुरीद हूं’।
बिब्बोजान के किरदार में नजर आ रही है अदिति
गौरतलब है कि अदिति राव हैदरी ने ‘हीरामंडी’ में बिब्बोजान की भूमिका अदा की है। अपने किरदार को लेकर उन्होंने कहा, ‘मैंने खुद को पूरी तरह संजय सर के सामने समर्पित कर दिया। उनकी स्क्रिप्ट, उनका विजन, हर चीज के सामने। मुझे अपनी भाषा पर काम करना था। मुझे उर्दू बोलनी थी, वह भी इस तरह कि बिल्कुल सहज लगे और सामान्य लगे।’