Saturday, October 12, 2024
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Addiction and Harmone : नशे की लत लगाने के लिए कौन सा हार्मोन जिम्मेदार होता है ?

Addiction and Harmone : आजकल के समय में युवाओं में नशा करना बहुत ही आम बात हो गई है। शराब और सिगरेट पीना तो युवाओं के लिए एक शौक बन गया है। हैरानी की बात यह है कि केवल आदमी ही नहीं कुछ समय से लड़कियाँ भी इस नशे का शिकार होती जा रही है। आजकल के समय में कई जगह आपने देखा होगा कि लड़कों के साथ-साथ लड़कियाँ भी शराब और सिगरेट जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करती है।

नशे का उनके दिमाग पर और शरीर के अंदरुनी हिस्सों पर कितना गलत असर होगा इस बात का उन्हें अंदाज़ा भी नहीं है। उससे भी बड़ी समस्या यह है कि आजकल के युवा केवल शराब और सिगरेट जैसे नसें तक ही सीमित नहीं हैं। वे अलग-अलग तरह के नशीले पदार्थों का सेवन करने लगे हैं जो उनके शरीर और दिमाग को एकादम सुन्न कर देता है। ये ऐसे नशीले पदार्थ हमारे दिमाग को अंदर से धीरे-धीरे खत्म कर देते हैं और जिस वजह से हमारे शरीर में कई लइलाज गंभीर बीमारीयाँ पैदा होने लगती हैं।

नशा कैसे बनता है आदत ?

नशीले पदार्थ केवल शौक और मजे के लिए नहीं हैं। ये धीरे-धीरे उनकी आदत बन जाते हैं और बाद में ये शरीर इसका इस तरह आदि हो जाता है कि वह चाहकर भी इसका सेवन करना नहीं छोड़ पाते। नशा करना आदत बनने से पहले हमारे शरीर में कुछ ऐसी क्रिया या प्रभाव डालता है जो हमें बार-बार इसका सेवन करने के लिए मजबूर करती हैं। सबसे पहले जानते हैं हमारे शरीर के अंदर ऐसी कौन सी क्रिया होती है जो हमें नशीले पदार्थों का सेवन करने के लिए प्रेरित करती है।

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जैसा कि हम सब जानते हैं हमारे शरीर में अंतःस्रावी ग्रंथियां पाई जाती है। जो हमारे शरीर के अलग-अलग कार्यों को नियंत्रित करती है। सही समय पर उन्हें क्या करना है यह बताती है। हमारी अलग-अलग अंतःस्रावी ग्रंथियों से अलग-अलग तरह के हार्मोन निकलते हैं जो शरीर के अलग-अलग कामों को करते हैं और साथ ही हमारे तंत्रिका तंत्र को संदेश भेजते हैं। ऐसा ही एक हार्मोन हमारे मस्तिष्क से भी निकलता है जो हमें नशे करने की लत लगाने के लिए जिम्मेदार होता है।

कौन सा हार्मोन नशे की लत लगाता है ?

हमारे मस्तिष्क से कई ऐसे हार्मोन्स निकलते हैं जो हमारे मन को नियंत्रित करते हैं। मस्तिष्क में एक डोपामाईन नाम का हार्मोन बनता है जो किसी भी इंसान को किसी भी तरह के गलत नशे की आदत बनाता है। हम सभी जानते हैं कि किसी भी काम को शारीरिक रुप से करने के लिए पहले मानसिक रुप करने के लिए तैयार होना पङता है। इस बात में कोई शक नहीं है कि हमारा दिमाग ही हमारे शरीर को चलाता है। इसी तरह हम ये जानते हुए भी कि किसी भी तरह के नशीले पदार्थ का सेवन करना शरीर के लिए कितना नुकसानदायक है। खुद को इससे रोक नहीं पाते इसका कारण यही डोपामाइन हार्मोन है।

Addiction and Harmone

क्या होता है डोपामाइन हार्मोन ?

डोपामाइन हार्मोन मानव मस्तिष्क की डीप सैल्स यानि गहरी कोशिकाओं में बनता है। सैल्स में बनने के बाद ये हाइपोथैलेमस से स्रावित होता है। डोपामाइन हार्मोन ब्रेन सेल्स के द्वारा तब रिलीज किया जाता है जब मानव कोई ऐसा काम करता है जिससे उसे संतुष्टि मिलती है। हाइपोथैलेमस से निकलने के बाद यह हमारे मस्तिष्क के उन हिस्सों पर काम करता है जहाँ खुशी या कुछ मजेदार करने की फीलिंग्स स्टोर होती हैं।

डोपामाइन हार्मोन कैसे पैदा करता है नशे की लत ?

कोई भी काम आदत तब बनता है जब उस करने के लिए ट्राई किया जाता है। एक बार अगर कोई भी काम करने के बाद आपको अच्छा फील होता है तो आपका मन बार-बार उस काम को करने के लिए करता है। वहीं दूसरी ओर अगर कोई काम करने के बाद बुरा फील होता है तो उसका परिणाम अच्छा होने पर भी उसे करने का मन नहीं करता। इससे जुङा एक उदाहरण ये भी देख सकते हैं कि हमें पता है कि दवाई खाने से हमारी बीमारी ठीक होगी लेकिन फिर भी क्योंकि उसका स्वाद कङवा होता है हमें दवाई खाना पसंद नहीं।

डोपामाइन हार्मोन हमारे ब्रेन में तभी रिलीज होता है जब किसी काम को करने के बाद हमें अच्छा महसूस होता है या मजा आता है। यही कारण है कि डोपामाइन हार्मोन को हैप्पी हार्मोन यानि खुश रखने वाला हार्मोन कहा जाता है। यह हार्मोन किसी परीक्षा में सफलता मिलने पर, कोई इनाम मिलने पर या कुछ भी ऐसा करने पर रिलीज होता है जिससे हमें खुशी मिलती है। इसके द्वारा किसी भी चीज से मिलने वाली खुशी हमारे ब्रेन में स्टोर हो जाती है और जब भी हम उस चीज को देखते हैं तो हमारा मन उस काम को करने के लिए करता है।

ठीक यही स्थिति किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी तरह का नशे करने पर होती है। पहली बार जब भी कोई व्यक्ति किसी भी तरह की नशीली चीज का सेवन करता है तो उसके हाइपोथैलेमस से डोपामाइन हार्मोन रिलीज होता है जिससे उसे बहुत अच्छा और आनंद देने वाला अनुभव महसूस होता है। उसकी वही फीलिंग्स ब्रेन में स्टोर हो जाती है। जब भी किसी और को नशा करते हुए देखते हैं या कोई नशे की चीज देखते हैं तो वहीं स्टोर फिलिंग्स के कारण डोपामाइन हार्मोन रिलीज होता है और हमें उस काम को करने के लिए प्रेरित करता है

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