Uttar Pradesh University News: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने हाल ही में राज्य के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की नियुक्ति की घोषणा की है। इसके तहत, महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़ और राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के लिए नए कुलपतियों की नियुक्ति की गई है। यह निर्णय राज्य के उच्च शिक्षा संस्थानों को नई दिशा देने के उद्देश्य से लिया गया है।
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Toggleमहाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय, आजमगढ़
महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार को नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार उच्च शिक्षा और प्रशासनिक अनुभव में कुशल हैं। उनकी नियुक्ति विश्वविद्यालय के शैक्षणिक और प्रशासनिक प्रबंधन को और अधिक सुदृढ़ बनाएगी।
राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़
राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, अलीगढ़ के कुलपति के रूप में प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह की नियुक्ति की गई है। प्रोफेसर सिंह वर्तमान में लखनऊ स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने तकनीकी और प्रबंधन शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के जरिए विभिन्न विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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आदेश की घोषणा
राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव, डॉ. सुधीर एम. बोबडे द्वारा इस नियुक्ति के संदर्भ में आदेश जारी किए गए। इन नियुक्तियों को उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा प्रणाली को और बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय में कुलपति का पद खाली
प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह की नई नियुक्ति के बाद, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ में कुलपति का पद खाली हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर को कार्यवाहक कुलपति का चार्ज दिया जा सकता है। संभावना है कि इस पद के लिए वरिष्ठ प्रोफेसर मसूद फलाही का नाम सबसे आगे हो सकता है। हालांकि, राजभवन द्वारा इस संबंध में अभी तक कोई आधिकारिक आदेश जारी नहीं किया गया है।
प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह का बैकग्राउंड
प्रोफेसर नरेंद्र बहादुर सिंह ने लखनऊ के इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। इसके अलावा, वे कानपुर स्थित हार्डकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय में कुलपति के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता को देखते हुए, राज्यपाल ने उन्हें राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के लिए उपयुक्त माना है।
उच्च शिक्षा में नए कदम
इन नियुक्तियों से विश्वविद्यालयों में नई ऊर्जा का संचार होगा और राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का यह निर्णय उच्च शिक्षा में नई दिशा तय करने और इसे अधिक समृद्ध बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।